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कोरोना संकट पर मोदी सरकार पर बरसे अनुपम खेर, कहा , इमेज बनाने से ज्‍यादा जरूरी है जान बचाना

कोई अमानवीय व्यक्ति ही नदियों में बहती लाशों से प्रभावित नहीं होगा. मेरे हिसाब से हमें गुस्सा आना चाहिए.  

NewDelhi : बॉलिवुड के नैशनल अवॉर्ड विनर,दिग्‍गज अभिनेता अनुपम खेर ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार को कोरोना संक्रमण पर नसीहत देते हुए कहा कि सरकार को समझना होगा कि इस समय इमेज बनाने से ज्‍यादा जान बचाना जरूरी है. बता दें कि अनुपम खेर प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसक माने जाते हैं और यह पहली बार है, जब उन्‍होंने सार्वजनिक तौर पर सरकार की आलोचना की है.

जान लें कि देश के लिए कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. सरकार की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं. संक्रमितों की संख्‍या और कोरोना के कारण मौत के मामले  लगातार बढ़ रहे हैं. विपक्ष सरकार पर हमलावर है.

खामियों का फायदा दूसरे राजनीतिक दलों को नहीं उठाना चाहिए

  
अनुपम खेर एनडीटीवी से बात कर रहे थे. अपने इंटरव्‍यू में खेर ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है. कहा कि अधिकारियों की सार्वजनिक आलोचना कई मामलों में वैध है. एफटीआईआई के पूर्व अध्‍यक्ष अनुपम खेर ने कहा कि सरकार के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि इस समय इमेज बनाने से ज्यादा जरूरी जीवन बचाना है.  सरकार से स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन में कहीं ना कहीं चूक हुई है, लेकिन इन खामियों का फायदा दूसरे राजनीतिक दलों को भी अपने हक में नहीं उठाना चाहिए.


नदी में बहती लाशों पर गुस्‍सा आना चाहिए


इंटरव्‍यू के दौरन अनुपम खेर से पूछा गया कि सरकार की कोशिश अभी राहत देने की बजाय खुद की इमेज और समझ को बनाने पर ज्‍यादा है, इस पर खेर ने कहा, `सरकार के लिए जरूरी है कि वह इस चुनौती का सामना करे और उन लोगों के लिए कुछ करे जिन्होंने उन्हें चुना है.
अनुपम खेर ने  गंगा और अन्य नदियों में मिलने वाले अज्ञात शवों का भी जिक्र करते हुए कहा, कई मामलों में आलोचना वैध है. कोई अमानवीय व्यक्ति ही नदियों में बहती लाशों से प्रभावित नहीं होगा. मेरे हिसाब से हमें गुस्सा आना चाहिए.  जो हो रहा है, उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है.

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