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पटना के एम्स में बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल को मिली मंजूरी

Patna : कोरोना महामारी की तीसरी लहर से सबसे अधिक खतरा बच्चों पर होने का अनुमान है. देश में 18 से 44 साल के लोगों का वैक्सिनेशन शुरू हो चुका है. अब बच्चों की वैक्सीन लेने की पारी है. इसी को देखते हुए DGCI ने पटना के एम्स में बच्चों पर कोवैक्सीन की ट्रायल की अनुमति दे दी है. जल्द ही बच्चों पर टीके का ट्रायल इसी महीने के अंत में शुरू होगा.

शिशु रोग विशेषज्ञों की निगरानी में होगा ट्रायल

शिशु रोग विशेषज्ञों की निगरानी में दो से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल शुरू किया जायेगा. इसके लिए टीम का गठन हो चुका है. यह ट्रायल 1 हजार से 2 हजार बच्चों पर किया जाएगा. एक एक्सपर्ट समिति ने कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के लिए ट्रायल की सिफारिश की थी. इस सिफारिश पर DGCI से ट्रायल की मंजूरी मिली है.

पहली बार पटना एम्स में हुआ था वैक्सीन का ट्रायल

एम्स के डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि 2020 में एम्स पटना में ही पहली बार कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया गया था. यह ट्रायल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की निगरानी में होगा. यदि यह ट्रायल सफल होता है तो जल्द 2 से 18 साल के बच्चों की भी वैक्सिनेशन शुरू हो जायेगा.

सात दिन में 18 से 44 साल के छह लाख लोगों ने ली पहली डोज

18 से 44 साल के लोगों में टीके को लेकर काफी उत्साह है. बिहार में केवल सात दिन में छह लाख लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है. शनिवार को 2100 से अधिक केंद्रों पर 1,24,104 लोगों का टीकाकरण हुआ है. इनमें से 97,092 लोग 18-45 उम्र के हैं.कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए रविवार को पटना जिले के सभी टीका केंद्रों का सैनिटाइजेशन हो रहा है. इसलिए  सभी केंद्रों पर रविवार को टीकाकरण नहीं हुआ.