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Ranchi : टोटेमिक कुरमी/कुड़मी विकास मोर्चा केंद्रीय कमेटी की बैठक रविवार को पुराना विधानसभा सभागार में हुई. बैठक में बोलते हुए मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि संपूर्ण झारखंड का एक शसक्त संगठन टोटेमिक कुरमी/कुड़मी विकास मोर्चा है. लगातार आंदोलन का ही परिणाम है कि केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है. समाज के संवैधानिक अधिकार की लड़ाई चरम पर है, किंतु इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है. कुड़मी को अधिकार से वंचित करने के लिए चौतरफा साजिश हो रही है. सदियों से साथ रहने वाले भी हमारे विरोध में रैली की घोषणा कर चुके हैं. इससे संभावना बढ़ रही है कि झारखंड में गृहयुध्द की स्थिति बन जाए. हमें इसके लिए भी तैयार रहना होगा. मोर्चा के संरक्षक डॉ. अमर कुमार चौधरी ने कहा कि कुड़मी 1931 ई. तक आदिम जनजाति था. सभी आदिम जनजाति को 1950 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अनुसूचित जनजाति की सूची में रखा. फिर बिना नोटिफिकेशन के किस अधार पर हमें छोड़ा गया. 2004 में मुख्यमंत्री रहते अर्जुन मुंडा केंद्र सरकार से कुरमी को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की अनुशंसा कर चुके हैं. वह अभी केंद्र में जनजातीय मंत्री हैं, अब आनेवाले बजट सत्र में बिल लाना चाहिए, अन्यथा भाजपा को 2024 में भारी नुकसान हो सकता है.
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11 फरवरी को रांची में कुरमी महारैली
बैठक में में सर्वसम्मति से आंदोलन की वार्षिक रूपरेखा तैयार की गई. जिसमें आगामी 21 मार्च को जमशेदपुर में शहीद रघुनाथ महतो की जयंती चुआड़ सेना के रूप में मनाकर ऐतिहासिक बनाया जाए. अप्रैल माह में लाखों की तादाद में पहुंच कर भाजपा कार्यालय ध्वस्त किया जाए. स्लोगन जारी किया गया कि “कुड़मी एसटी नहीं तो झारखंड में भाजपा नहीं”, “मोदी से बैर नहीं मुंडा की खैर नहीं”. पूर्व में घोषित 20 सितंबर “रेलटेका” आंदोलन को ऐतिहासिक बनाया जाए.11फरवरी में ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में विशाल कुरमी अधिकार महारैली होगी. जिसमें मोरहाबादी मैदान के साथ-साथ पूरे रांची को जाम किया जाए. बैठक में मुख्य रूप से रामपोदो महतो, सुषमा देवी, सखीचंद महतो, थानेश्वर महतो, महेंद्र महतो, मोहन महतो, रचिया महतो, अनिल महतो, कपिलदेव महतो, रघुनाथ महतो, डब्लू महतो, अशोक महतो, राजू महतो, राजेश महतो, नागेश्वर महतो, अमृता देवी, निरंजन महतो, रामदयाल महतो, वीरेन्द्र महतो, प्रदीप महतो, चंदन महतो, संजय महतो उपस्थित रहे.
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