Naypyitaw : म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना से सोमवार को प्रमुख शहरों में बख्तरबंद वाहनों को तैनाती की है. इसके साथ ही देर रात 1 बजे से इंटरनेट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. बता दें कि सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है. खबरों के अनुसार म्यांमार में नागरिक शासन बहाल करने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर जुट रहे हैं.
It’s as if the generals have declared war on the people of Myanmar: late night raids; mounting arrests; more rights stripped away; another Internet shutdown; military convoys entering communities. These are signs of desperation. Attention generals: You WILL be held accountable.
— UN Special Rapporteur Tom Andrews (@RapporteurUn) February 14, 2021
लोगों के विरध प्रदर्शन को दबाने के लिए सेना से सोमवार को प्रमुख शहरों में बख्तरबंद वाहनों को तैनाती की है. इसके साथ ही देर रात 1 इंटरनेट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया .
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बख्तरबंद वाहनों को यांगून, मायित्किना और सिटवे में देखा गया
अल जजीरा के अनुसार नौ दिन से लगातार हो रहे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए प्रमुख शहरों में सैन्य वाहन गस्त लगा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, रविवार शाम बख्तरबंद वाहनों को यांगून, मायित्किना और सिटवे में देखा गया.
इससे पूर्व सैनिकों को उत्तरी राज्य काचिन में बिजली संयंत्रों में तैनात किया गया था, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों के साथ उनकी झड़प होने की सूचना आयी. लोगों का मानना है कि सेना बिजली काटने के इरादे से वहां गयी है. सैन्य शासन के बावजूद म्यांमार में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसमें यांगून और अन्य प्रमुख शहर भी शामिल हैं.
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अमेरिकी दूतावास ने नागरिकों से सुरक्षित स्थनों पर रहने की अपील की
म्यांमार में अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों से सुरक्षित स्थनों पर रहने की अपील की है, क्योंकि 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद पहली बार शहरों में बख्तरबंद वाहनों को घुमाया जा रहा है. दूतावास ने यह भी कहा कि रात 1 से 9 बजे के बीच दूरसंचार सेवाएं बंद रह सकती हैं. बता दें कि 1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने पिछले सप्ताह देश की निर्वाचित सरकार को हटाकर देश पर अपना नियंत्रण कर लिया था.
इस दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची तथा उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के अन्य नेताओं को नजरबंद करने के बाद आपातकाल लगा दिया था. सेना का आरोप है कि देश में हाल ही में हुए चुनावों में धांधली हुई थी और आंग सान सू ची सरकार ने इसकी कोई जांच नहीं कराई है.
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