Ranchi / Delhi : न्यूज़ 11 भारत के निदेशक अरूप चटर्जी के मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका पे आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को राज्य सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि बेल देने के पूर्व जवाब दाखिल करने का अवसर नहीं दिया गया. अरूप चटर्जी का करीब 34 क्रिमिनल केस का इतिहास है. सुप्रीम कोर्ट ने रात्रि में गिरफ्तार करने को गलत बताया है. वहीं अरूप चटर्जी के वकील को मिलने भी दिया गया और सभी वातों से अवगत भी कराया गया. अरेस्ट के समय धारा 80/81 crpc का भी अनुपालन किया गया, किन्तु उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल करने का अवसर नही दिए जाने के कारण सही तथ्य सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नहीं लाया जा सका. पढ़ें – गृह मंत्रालय ने नशीले पदार्थों के नियंत्रण को लेकर डीसी को लिखा पत्र
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उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई कब
जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रात में गिरफ्तार नहीं करने का प्रोविजन केवल सीनियर सिटीजन और महिलाओं के लिए है. राज्य सरकार के वकील को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानना चाहा कि उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई कब है और काउंटर एफिडेविट फ़ाइल हुआ है. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पहले हाईकोर्ट के समक्ष सभी बातें रखने का निर्देश दिया.
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