Ranchi: गुरुवार को चालू विधानसभा सत्र में श्रम, ऊर्जा और उद्योग विभाग के बजट पर सत्ता और विपक्ष अपना पक्ष रख रहे थे. विपक्ष की तरफ से पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, नवीन जायसवाल, लंबोदर महतो और ढुल्लू महतो ने अपनी बात रखी. तो वहीं सरकार की तरफ से शरफराज अहमद, दीपिका पांडे सिंह, प्रदीप यादव ने अपना पक्ष रखा. निर्दलीय विधायकों में विनोद सिंह और सरयू राय ने बजट पर अपना भाषण दिया.
सदन में यूं तो हर किसी के पक्ष रखने के दौरान हंगामा हुआ. लेकिन जब दीपिका पांडे सिंह अपनी बात रखने लगी तो विपक्ष की तरफ से खूब हंगामा किया गया. जितनी देर दीपिका पांडे सिंह ने भाषण दिया उतनी देर विपक्ष की तरफ से हंगामा किया गया. दीपिका पांडे सिंह बजट पर भाषण देते हुए महिलाओं के बारे बात कर रही थी. उन्होंने कहा कि इस बार का बजट तैयार करने में महिलाओं का भी हाथ है. वो कुछ और बोलती कि सिंदरी विधाययक अपर्णा सेन गुप्ता अपनी जगह पर खड़ी होकर दीपिका सिंह की बात पर बहस करने लगीं.
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जब स्पीकर ने अपर्णा सेन गुप्ता को अपनी बात रखने को कहा तो उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं बढ़ी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि एक दिन पहले जब वो अपनी बात सदन में रख रही थीं तो दीपिका पांडे सिंह उन्हें अपनी बात रखने नहीं दे रही थीं. हंगामे के बीच ही दीपिका पांडे सिंह ने अपनी बात रखनी शुरू कर दी. बीजेपी के विधायकों ने अपर्णा सेन गुप्ता का साथ दिया. खूब शोर मचाया गया. आखिर में नाराज होकर अपर्णा सेन गुप्ता सदन से बाहर चली गयीं.
हंगामा इतना तेज हो गया कि संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को उठकर बोलना पड़ा.उन्होंने कहा कि महिला विधायकों को आपस में उलझना नहीं चाहिए. इसपर बीजेपी के विधायकों की तरफ से भी विरोध किया गया. बाद में स्पीकर ने इरफान अंसारी, रणधीर सिंह और पूर्णिमा सिंह को बाहर जाकर अपर्णा सेन गुप्ता को वापस सदन में लाने को कहा.
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