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| On Hindenburg Research disbanding, BJP Spokesperson Shehzad Poonawalla says, "Hindenburg report was `supari` taken against India`s rising economic power. This report was a sponsored, organised, orchestrated and manipulated act of economic anarchism and economic… pic.twitter.com/5z6ap6dLoM
— ANI (@ANI) January">https://twitter.com/ANI/status/1879763450676785564?ref_src=twsrc%5Etfw">January
16, 2025
Hindenburg Research’s decision to disband comes as little surprise, coinciding with the Trump administration’s transition into office. As the US Department of Justice plans to investigate the firm’s operations, it’s worth reflecting on how Rahul Gandhi and the Congress party…
— Amit Malviya (@amitmalviya) January">https://twitter.com/amitmalviya/status/1879747240215933084?ref_src=twsrc%5Etfw">January
16, 2025
हिंडनबर्ग रिपोर्ट भारत की उभरती आर्थिक शक्ति के खिलाफ ली गयी सुपारी थी
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि खबर आयी है कि हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान बंद कर ली है. पूनावाला ने कहा, हिंडनबर्ग रिपोर्ट भारत की उभरती आर्थिक शक्ति के खिलाफ़ ली गयी सुपारी थी. यह रिपोर्ट आर्थिक अराजकता और आर्थिक आतंकवाद का प्रायोजित, संगठित, सुनियोजित और चालाकी से किया गया कृत्य था. राहुल गांधी, आपके अंतरराष्ट्रीय गठबंधन सहयोगी हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान बंद कर दी है, अब आप भारत के खिलाफ़ अपना दुष्प्रचार कब बंद करेंगे? क्या यह सोरोस द्वारा प्रायोजित रिपोर्ट थी? कांग्रेस और उसका इको-सिस्टम राष्ट्र-विरोधी है.हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगाई थी
पूनावाला ने याद दिलाया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि इनकी(हिंडनबर्ग) एक्टिविटी की जांच होनी चाहिए. कहा कि भारत के निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने डुबाये हैं. कुछ राजनीतिक दल खासकर राहुल गांधी एक पार्टी(भाजपा) और एक व्यक्ति( गौतम अडानी) के विरोध में उतरते उतरते भारत की इकोनॉमी और भारत के स्टेट के खिलाफ उतर गये. निवेशी पार्टनर हिंडनबर्ग का सहारा लेते हुए झूठे और अनर्गल आरोप लगा रहे थे. भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं.राहुल गांधी और कांग्रेस ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कैसे भरोसा कर लिया
भाजपा नेता अमित मालवीय ने हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने पर सवाल उठाते हुए कहा, यह फैसला उस समय लिया गया है जब अमेरिकी न्याय विभाग हिंडनबर्ग की जांच करने की योजना बना रहा था, उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया. हिंडनबर्ग रिसर्च का कंपनी को बंद करने का एलान हैरान करने वाला है. यह फैसला उस समय लिया गया, जब ट्रंप सत्ता में आने वाले हैं और अमेरिकी न्याय विभाग उसकी रिपोर्ट की जांच करने की योजना बना रहा था. राहुल गांधी और उसकी कांग्रेस ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर कैसे भरोसा कर लिया था. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस क. संसद की कार्यवाही को बाधित किया था. हर खबर के लिए हमें फॉलो करें Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q">https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q">https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3qTwitter (X) :">https://x.com/lagatarIN">
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