अब विज्ञापनों में निवेश से जुड़े जोखिमों की देनी होगी जानकारी
नई गाइडलाइन के तहत, क्रिप्टो विज्ञापनों में ग्राहकों को स्पष्ट तौर पर निवेश से जुड़े जोखिमों की जानकारी देनी होगी. ASCI के मुताबिक, निवेशकों को क्रिप्टो विज्ञापनों के साथ रिस्क की भी जानकारी दी जायेगी. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ग्राहकों को किसी भी तरह के भ्रामक दावों से दूर रखा जाए. साथ ही मुनाफे के बढ़ा-चढ़ाकर किये जाने वाले दावों पर भी सचेत किया जा सके. इसे भी पढ़े : चंडीगढ़">https://lagatar.in/electricity-crisis-in-chandigarh-since-monday-surgery-postponed-in-hospitals-army-called-in-chief-engineers-appearance-in-high-court/">चंडीगढ़में सोमवार से बिजली गायब, अस्पतालों में सर्जरी टली, आर्मी बुलायी गयी, हाईकोर्ट में चीफ इंजीनियर की पेशी
क्या है गाइडलाइंस?
- 1 अप्रैल 2022 से सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट-संबंधी विज्ञापनों पर लागू होंगी. VDA प्रोडक्ट्स और VDA एक्सचेंजों या VDA की विशेषता वाले सभी विज्ञापनों में निम्नलिखित अस्वीकरण होना चाहिए. यानी विज्ञापनों में साफ लिखना होगा क्रिप्टो और NFT अनरेगुलेटेड प्रोडक्ट हैं और भारी जोखिम हो सकता है.
- VDA प्रोडक्ट और सर्विसेज के विज्ञापनों में "करेंसी", "सिक्योरिटीज", "कस्टोडियन" और "डिपॉजिटरी" शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. क्योंकि उपभोक्ता इन शर्तों को रेगुलेटेड प्रोडक्ट के साथ जोड़ते हैं.
- कॉस्ट कितनी होगी इसकी साफ साफ जानकारी देनी होगी. विज्ञापन कौन दे रहा है इसकी साफ जानकारी देनी होगी. सेलिब्रिटीज को विज्ञापन से पहले जोखिम को समझना होगा.
- विज्ञापनों में दी गयी जानकारी उस सूचना या चेतावनियों का खंडन नहीं करेगी, जो रेगुलेटेड संस्थाएं समय-समय पर VDA प्रोडक्ट के मार्केटिंग के लिए ग्राहकों को बताती हैं.
- VDA प्रोडक्ट की कॉस्ट या प्रॉफिट के बारे में साफ स्पष्ट जानकारी देनी होगी. विज्ञापनों में स्पष्ट, सटीक, पर्याप्त और अपडेट जानकारी होनी चाहिए. उदाहरण के लिए, `Zero Cost` में उन सभी कॉस्ट को शामिल करना होगा, जिससे उपभोक्ता को ऑफर या ट्रांजैक्शन से संबंधित पूरी जानकारी मिल सके.
- पिछले प्रदर्शन की जानकारी किसी भी आंशिक या पक्षपातपूर्ण तरीके से नहीं दी जा सकेगी. 12 महीने से कम की अवधि के लिए रिटर्न शामिल नहीं किया जायेगा.
- VDA प्रोडक्ट के हर विज्ञापन में स्पष्ट रूप से विज्ञापनदाता का नाम होना चाहिए और उनसे संपर्क करने का एक आसान तरीका (फोन नंबर या ईमेल) दिया जाना चाहिए. यह जानकारी इस तरह से प्रस्तुत की जानी चाहिए कि उपभोक्ता आसानी से समझ सके.
- किसी भी विज्ञापन में ऐसे बयान नहीं होंगे जो भविष्य में मुनाफे में वृद्धि का वादा या गारंटी देते हों.
- VDA प्रोडक्ट की तुलना किसी दूसरी रेगुलेटेड एसेट से नहीं की जा सकती है.
एक सेल्फ रेग्युलेटरी बॉडी है ASCI
बता दें कि देश में विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए ASCI एक सेल्फ रेग्युलेटरी बॉडी है. क्रिप्टो विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन लाने को लेकर लंबे समय से सरकार के साथ चर्चा की जा रही थी. लेकिन अब जाकर गाइडलाइन जारी की गयी. इस गाइडलाइंस को सरकार और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श करके तैयार किया गया है. इसे भी पढ़े : गढ़वा">https://lagatar.in/garhwa-the-body-of-a-child-missing-for-4-days-was-recovered-from-the-well-police-engaged-in-investigation/">गढ़वा: 4 दिनों से लापता बच्चे का शव कुएं से बरामद, जांच में जुटी पुलिस
क्रिप्टो पर होने वाली कमाई पर 30 फीसदी लगेगा टैक्स
मालूम हो कि सरकार ने बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था. साथ ही वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर के दौरान एक सीमा से ज्यादा के लेन-देन पर एक फीसदी टीडीएस (TDS) भी लगेगा. यह 1 अप्रैल से लागू होगा. इस ऐलान के बाद माना जा रहा था कि इसको भारत में मान्यता दे दी जायेगी. लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन सभी अफवाहों को खारिज किया. इसे भी पढ़े : रिम्स">https://lagatar.in/rims-hemant-government-will-lift-the-ban-on-sc-st-appointment-promotion-in-educational-posts-there-was-a-ban-in-the-bjp-government/">रिम्स: शैक्षणिक पदों में SC-ST नियुक्ति-प्रोन्नति पर रोक हटाएगी हेमंत सरकार! बीजेपी सरकार में लगी थी रोक [wpse_comments_template]

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