कोर्ट का सवाल, कितनी पीढ़ियों तक आरक्षण जारी रहेगा, 50 प्रतिशत की सीमा नहीं रहने पर समानता का क्या मतलब
ट्रस्टीज ने मेहता का बचाव करने की जगह त्यागपत्र देने पर बाध्य किया
पत्र में कहा गया कि उन्हें लगता है कि अशोका के ट्रस्टीज ने मेहता का बचाव करने के जगह उन्हें त्यागपत्र देने पर बाध्य किया. उन्होंने लिखा, वे सभी मेहता के समर्थन में खड़े हैं. उन्हें लगता है कि मेहता ने हमेशा संवैधानिक मूल्यों को सम्मान करते हुए अपनी बात कही. वह हमेशा फ्री स्पीच, टॉलरेंस और लोकतांत्रिक मूल्यों की वकालत करते थे. मेहता को इस्तीफा देने के लिए बाध्य करना इन सभी मूल्यों पर कुठाराघात की तरह है. इसे भी पढ़ें : पश्चिम">https://lagatar.in/election-commission-meeting-in-delhi-on-west-bengal-violence-today-visit-to-bengal-on-23rd/39826/">पश्चिमबंगाल हिंसा पर दिल्ली में चुनाव आयोग की बैठक आज, 23 को बंगाल दौरा
मेहता का मसला शर्मसार करने वाली घटना
पत्र के अनुसार सार्वजनिक तौर पर कही गयी बात को लेकर किसी स्कॉलर को दंडित किया जाता है तो फ्री स्पीच, टॉलरेंस और लोकतांत्रिक मूल्य भी निशाने पर आ जाते हैं. कहा कि मेहता का मसला एक शर्मसार करने वाली घटना है. जान लें कि ओपन लेटर पर साइन करने वाले अकैडमीशियन में हार्वर्ड विवि के होमी के भाभा, अन्ने एफ रॉथनबर्ग, यूसी बर्कले स्कूल ऑफ ला के डीन एर्विन केमिरिंसकी, पेंसिलवेनिया विवि के रोजर स्मिथ, क्रिस्टोफर एच ब्राउन, मिलन वैश्नव, ऑक्सफोर्ड के केटे ओ रीगन के साथ हार्वर्ड के डेनियल एलन शामिल हैं. इसे भी पढ़ें : प्रताप">https://lagatar.in/arvind-subramaniam-also-resigns-from-ashoka-university-after-pratap-bhanu-mehta/39333/">प्रतापभानु मेहता के बाद अरविंद सुब्रमण्यम का भी अशोका यूनिवर्सिटी से इस्तीफा
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