Guwahati : असम में दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रखा जा सकता है.मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए यह बात कही. इस क्रम मे उन्होंने साफ किया कि सरकार दो बच्चों की नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में इसे लागू किया जायेगा. जनसंख्या नीति शुरू हो गयी है. हालांकि मुख्यमंत्री के इस फैसले की विपक्ष ने आलोचना की है.
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सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया, कहा, कोरोना से हुई मौत पर नहीं दे सकते चार लाख का मुआवजा कुछ योजनाओं में हम दो बच्चा नीति लागू नहीं कर सकते
असम के सीएम ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति को असम की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं किया जायेगा, क्योंकि कई योजनाएं केंद्र की मदद से चलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा, कुछ योजनाओं में हम दो बच्चा नीति को लागू नहीं कर सकते. जैसे-स्कूलों और कालेजों में मुफ्त नामांकन या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने में इसे लागू नहीं किया जा सकता.
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स्वामी ने ट्वीट किया, विराट भारत जल्द उभरने वाला है, यह रसगुल्लों का नहीं होगा, एक मैगजीन का दावा, चीन की है भारत को घेरने की योजना चाय बागान श्रमिकों/एससी-एसटी समुदाय पर नीति लागू नहीं होगी
लेकिन, यदि राज्य सरकार द्वारा कोई आवास योजना लागू की जाती है तो उसमें दो बच्चा नीति को लागू किया जा सकता है. हिमंता बिस्वा सरमा आगे चलकर धीरे-धीरे जनसंख्या नीति को राज्य सरकार की हर योजना में लागू किया जायेगा. लेकिन यह चाय बागान श्रमिकों/एससी-एसटी समुदाय पर लागू नहीं होगी. खबर है कि विपक्ष ने मुख्यमंत्री सरमा की इस घोषणा की आलोचना की है. विपक्ष ने कहा कि सरमा पांच भाईयों वाले परिवार से आते हैं और यह नियम बिल्कुल गलत है. सरमा ने इसका जवाब देते हुए कहा, 1970 के दशक में हमारे माता-पिता या दूसरे लोगों ने क्या किया इस पर बात करने का कोई तुक नहीं है. विपक्ष ऐसी अजीबोगरीब बातें कह रहा है और हमें 70 के दशक में ले जा रहा है. [wpse_comments_template]
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