Ranchi : ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर घोटाले में फंसे अतिकुल ने खुद को बचाने के लिए अपने मृत भाई पर अपना दोष मढ़ दिया. अतिकुल का भाई ठेकेदारी करता था जबकि वह खुद चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के लिए पैसों की वसूली करता था. उसके घर से मिले दस्तावेज में ठेकेदारों से वसूल कर वीरेंद्र राम को 47.45 लाख रुपये देने के सबूत मिले. इसके अलावा उसके घर से नकद 4.40 लाख रुपये व सरकारी अधिकारियों की मुहरें जब्त की गयी थी.
ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर मैनेज करने और कमीशन वसूली के मामले में इडी ने अतिकुल रहमान के घर पर भी छापा मारा था. इस दौरान उसके घर से विभिन्न स्तर के पांच सरकारी अधिकारियों कि मुहरें जब्त की गयी थी. इसमें राज्य अनुमंडल पदाधिकारी (आईसीडीपी कोषांग, रांची), मुख्य अभियंता (रूपांकण समग्र योजना एवं जल विज्ञान, जल संसाधन, रांची), जूनियर इंजीनियर (जिला परिषद, रांची), सहायक अभियंता (जिला परिषद, रांची) और मुख्य अभियंता (ग्रामीण विकास, विशेष प्रक्षेत्र, एफएफपी भवन) की मुहरें शामिल थीं.
ईडी ने छापामारी के बाद समन भेजकर उसे बुलाया और पूछताछ की. इस दौरान उसने पहले तो यह कहा कि उसके घर से बरामद सरकारी अधिकारियों की मुहरें उसके स्वर्गीय भाई ने रखी थी. इसलिए उसे सरकारी अधिकारियों के नाम की मुहरों के सिलसिले में किसी तरह की जानकारी नहीं है. घर से मिले 4.40 लाख रुपये नकद के सिलसिले में उसने पहले यह दावा किया कि रकम उसके स्वर्गीय भाई ने दिया था. यह रकम ईंट की बिक्री और खेती से हुई आमदनी से संबंधित है. लेकिन वह ईंट की खरीद बिक्री और खेती से हुई आमदनी के सिलसिले में कोई सबूत नहीं पेश कर सका. हालांकि बाद में पूछताछ के दौरान अपनी गलती मान ली.
उसने पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि वह एक साल से वीरेंद्र राम और उनकी पत्नी राजकुमारी को जानता है. वीरेंद्र राम के कहने पर उसने 10 दिनों के अंदर 3.67 लाख रुपये का भुगतान किया है. उसने वीरेंद्र राम के निर्देश पर ट्रेन के टिकटों के मूल्य का भी भुगतान किया है. उसके पारिवारिक सदस्यों के नाम पर M/S S.A. Construction और M/S Samsul Hoda नामक फर्म है. M/S S.A. Construction को वीरेंद्र राम ने 25 करोड़ रुपये लागत मूल्य के कुल छह टेंडर दिये थे. इस कंपनी को उसका भाई देखता था. इसलिए उसे इस बात की जानकारी नहीं की 25 करोड़ रुपये के टेंडर के बदले वीरेंद्र राम ने कमीशन लिया था या नहीं.
भाई की मौत के बाद वीरेंद्र राम ने इस कंपनी को 3.25 करोड़ रुपये का टेंडर दिया था. लेकिन वीरेंद्र राम ने इस टेंडर के बदले कमीशन की मांग नहीं की है. अतिकुल रहमान के घर से एक दस्तावेज मिला था. इसमें ठेकेदारों से पैसा वसूल कर वीरेंद्र राम के कुल 47.45 लाख रुपये देने का ब्योरा दर्ज था. वीरेंद्र राम ने पूछताछ के दौरान अतिकुल रहमान द्वारा टेंडर के बदले ठेकेदारों से पैसा वसूल कर देने की बात स्वीकार की थी.


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