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महिलाओं ने विवाह गीत गाकर बारातियों का किया स्वागत
बताया जा रहा है कि औरंगाबाद के हसपुरा प्रखंड के अहियापुर और अल्पा गांव में महिलाएं पिछले कई दिनों से विवाह गीत गा रही थी. वहीं बीते मंगलवार को गाजे- बाजे के साथ बारात पहुंची. महिलाओं ने गीत गाकर बारात का स्वागत किया. जिसके बाद सभी रीति रस्में के साथ मेंढक-मेंढकी की शादी करायी गयी. अहियापुर गांव में मेंढ़क के पिता रितेश कुमार और मेंढ़की के पिता भिखर पासवान बने. वहीं इस अनोखी शादी की रस्म पंडित ओमप्रकाश ने पूरी करायी. इसे भी पढ़ें - कर्नाटक">https://lagatar.in/congress-mla-from-karnataka-attacked-his-own-leaders-said-some-people-made-wealth-for-three-four-generations-in-the-name-of-nehru-and-sonia-gandhi/">कर्नाटकके कांग्रेस विधायक का अपने ही नेताओं पर हमला, कहा- कुछ लोग नेहरू और सोनिया गांधी के नाम पर तीन-चार पुश्तों के लिए दौलत बना ली
बारातियों ने जमकर किया डांस
लोगों ने बताया कि मेंढकी को दुल्हन की तरह सजाया गया था. उसे लाल रंग की चुनरी ओढ़ाई गई थी. जबकि मेंढक को भी सेहरा पहनाया गया था. शादी में आई बारातियों ने फिल्मी गानों पर जमकर डांस किया. बारातियों के लिए खान-पान का शानदार व्यवस्था किया गया था. इसे भी पढ़ें - द्रौपदी">https://lagatar.in/cm-nitish-kumar-congratulated-draupadi-murmu-on-becoming-the-president-both-the-deputy-chief-ministers-took-to-the-road-with-dhol-nagada/">द्रौपदीमुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर सीएम नीतीश कुमार ने दी बधाई, दोनों उपमुख्यमंत्री ढोल-नगाड़ा के साथ सड़क पर उतरे
मेंढक और मेंढकी की शादी कराने से इंद्र देवता प्रसन्न होते है
गौरतलब है कि बिहार के अधिकांश जिलों मे बारिश नहीं हो रही थी. दो दिन पहले तक सामान्य से 50 प्रतिशत बारिश हुई थी.किसान परेशान थे, खेत में दरारें पड़ रही थी. जिसके बाद औरंगाबाद के इन दोनों गांवों के लोगों ने मेंढ़क -मेंढकी की शादी कराने की सोची. इन लोगों की माना है कि मेंढक और मेंढकी की शादी कराने से इंद्र देवता प्रसन्न होते हैं. सोमवार को मेंढ़क-मेंढ़की की शादी तय हुई.पहले तिलकोत्सव मनाया गया, फिर मंगल गाकर मंगलवार को दोनों की शादी कराई गई. अब इसे आस्था कहें ,अंधविश्वास कहें या संयोग मेंढ़क-मेंढ़की की शादी के बाद यहां जमकर बारिश हुई जिससे लोगों के चेहरे पर खुशी आ गयी है. इसे भी पढ़ें - मानसून">https://lagatar.in/less-than-50-percent-storage-in-jharkhands-dam-reservoirs-till-mid-july/">मानसूनकी बेरुखी : झारखंड के डैम-जलाशयों में जुलाई मध्य तक 50 फीसदी से कम भंडारण [wpse_comments_template]