Aurangabad : बिहार के औरंगाबाद जिले में अहियापुर गांव में मेंढ़क और मेंढ़की की शादी करायी गई. जिसके बाद गांव में झमाझम बारिश हुई. जिससे किसानों में काफी खुशी है. लोगों ने बताया कि सावन के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी बारिश नहीं हो रही थी. बारिश नहीं होने से किसान काफी परेशानी थे. धान का बिचड़ा सूख रहा था. खेतों में पानी नहीं होने के कारण धान की रोपाई शुरू नहीं हो पा रही थी. लेकिन मेंढ़क और मेंढ़की की शादी के तुरंत बाद अच्छी बारिश हो रही है. इसे कुछ लोग आस्था बता रहे वहीं कुछ लोग इसे अंधविश्वास मान रहे है. लेकिन संयोग यह है कि जिले में झमाझम बारिश हो रही है. पढ़ें – Corona update : बीते 24 घंटे में मिले 214 नये मरीज, 171 हुए स्वस्थ, राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 1172
इसे भी पढ़ें – BREAKING : CBSE 12 वीं का रिजल्ट जारी , लड़कियों ने मारी बाजी, 94.54% छात्राएं और 91.25% छात्र हुए पास
महिलाओं ने विवाह गीत गाकर बारातियों का किया स्वागत
बताया जा रहा है कि औरंगाबाद के हसपुरा प्रखंड के अहियापुर और अल्पा गांव में महिलाएं पिछले कई दिनों से विवाह गीत गा रही थी. वहीं बीते मंगलवार को गाजे- बाजे के साथ बारात पहुंची. महिलाओं ने गीत गाकर बारात का स्वागत किया. जिसके बाद सभी रीति रस्में के साथ मेंढक-मेंढकी की शादी करायी गयी. अहियापुर गांव में मेंढ़क के पिता रितेश कुमार और मेंढ़की के पिता भिखर पासवान बने. वहीं इस अनोखी शादी की रस्म पंडित ओमप्रकाश ने पूरी करायी.
इसे भी पढ़ें – कर्नाटक के कांग्रेस विधायक का अपने ही नेताओं पर हमला, कहा- कुछ लोग नेहरू और सोनिया गांधी के नाम पर तीन-चार पुश्तों के लिए दौलत बना ली
बारातियों ने जमकर किया डांस
लोगों ने बताया कि मेंढकी को दुल्हन की तरह सजाया गया था. उसे लाल रंग की चुनरी ओढ़ाई गई थी. जबकि मेंढक को भी सेहरा पहनाया गया था. शादी में आई बारातियों ने फिल्मी गानों पर जमकर डांस किया. बारातियों के लिए खान-पान का शानदार व्यवस्था किया गया था.
इसे भी पढ़ें – द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर सीएम नीतीश कुमार ने दी बधाई, दोनों उपमुख्यमंत्री ढोल-नगाड़ा के साथ सड़क पर उतरे
मेंढक और मेंढकी की शादी कराने से इंद्र देवता प्रसन्न होते है
गौरतलब है कि बिहार के अधिकांश जिलों मे बारिश नहीं हो रही थी. दो दिन पहले तक सामान्य से 50 प्रतिशत बारिश हुई थी.किसान परेशान थे, खेत में दरारें पड़ रही थी. जिसके बाद औरंगाबाद के इन दोनों गांवों के लोगों ने मेंढ़क -मेंढकी की शादी कराने की सोची. इन लोगों की माना है कि मेंढक और मेंढकी की शादी कराने से इंद्र देवता प्रसन्न होते हैं. सोमवार को मेंढ़क-मेंढ़की की शादी तय हुई.पहले तिलकोत्सव मनाया गया, फिर मंगल गाकर मंगलवार को दोनों की शादी कराई गई. अब इसे आस्था कहें ,अंधविश्वास कहें या संयोग मेंढ़क-मेंढ़की की शादी के बाद यहां जमकर बारिश हुई जिससे लोगों के चेहरे पर खुशी आ गयी है.
इसे भी पढ़ें – मानसून की बेरुखी : झारखंड के डैम-जलाशयों में जुलाई मध्य तक 50 फीसदी से कम भंडारण
Leave a Reply