Ranchi : शिव उपासना के सावन महीने की पूर्णिमा पर 9 अगस्त को रक्षा बंधन पर्व मनाया जायेगा. यह भाई-बहनों के पवित्र रिश्ते का प्रतीक पर्व है. हालांकि अभी इस पर्व को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
कई स्थानों पर इसे 8 अगस्त को मनाने की बात कही जा रही है. इस संबंध में भ्रांति दूर करते हुए पंडित नितेश कुमार मिश्रा ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व इस वर्ष 9 अगस्त को पड़ रहा है. यह शास्त्रसम्मत, शुभ और दोषमुक्त रहेगा.
शुभ मुहूर्त और भद्रा काल
पंडित नितेश कुमार मिश्रा ने मिथिला पंचांग का हवाला देते हुए बताया कि पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 1:51 बजे से आरंभ हो रही है. पूर्णिमा तिथि का समापन 9 अगस्त को दोपहर 1:33 बजे होगा. जबकि भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 1:51 बजे से शुरू होकर, 9 अगस्त को सुबह में 1:52 बजे तक रहेगा.
9 अगस्त को सूर्योदय प्रातः 5:35 बजे होगा. इसलिए रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त उदया तिथि के हिसाब से 9 अगस्त को सुबह 5:35 बजे से दोपहर 1:33 बजे तक रहेगा. इस अवधि में भद्रा काल समाप्त हो चुका होगा और पूर्णिमा भी विद्यमान रहेगी,
रक्षाबंधन का गूढ़ अर्थ
पंडित नितेश कुमार मिश्रा के अनुसार रक्षाबंधन केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह आत्मीयता, दायित्व, और पारिवारिक मूल्यों की सजीव अभिव्यक्ति है.
राखी बांधने की शास्त्रीय विधि
पंडित नितेश कुमार मिश्रा ने शास्त्रीय विधि का उल्लेख करते हुए बताया कि भाई को पूर्व दिशा की ओर तथा बहन को दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए. भाई की आरती उतार कर तिलक लगाना चाहिए. भाई को मिठाई खिला कर राखी बांधनी चाहिए.
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