Ranchi : झारखंड में अब मॉनसून पूरी तरह से एक्टिव हो गया है. हर रोज कहीं न कहीं बारिश हो रही है. बारिश का मौसम वैसे तो सबको अच्छा लगता है, लेकिन ये मौसम बीमारियों का खतरा भी बहुत बढ़ा देता है. डॉक्टरों का साफ कहना है कि अगर बरसात में भीग गए, या गंदा पानी-खाना ले लिया, तो बीमार पड़ना तय है.
रातु CMC के सिविल सर्जन डॉ. सुजीत कश्यप और रिम्स हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के हेड डॉ. बिंदे कुमार ने बताया कि बारिश के इस मौसम में सर्दी-खांसी से लेकर डेंगू, मलेरिया, टायफाइड और स्किन इंफेक्शन तक सब फैलने लगता है. बारिश में भीगने से शरीर का तापमान गिरता है. इससे सर्दी, खांसी, बुखार और वायरल इंफेक्शन हो जाता है. बच्चों में तो और ज्यादा असर पड़ता है. उन्हें कोल्ड एलर्जी, कफ, और निमोनिया तक हो सकता है.
भीगने के बाद अगर कपड़े नहीं बदले या बाल नहीं सुखाए, तो फिर बीमार होना पक्का है.
मच्छर और रुका हुआ पानी -डेंगू और मलेरिया का रास्ता
जहां-जहां पानी जमा है, वहां मच्छर पनपने लगते हैं. ये मच्छर फिर डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियां फैलाते हैं. खासतौर पर डेंगू में प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं, जिससे हालत बिगड़ सकती है.
स्किन इंफेक्शन और पेट की बीमारियां भी कम नहीं
बरसात में गीले कपड़े या गंदे पानी से स्किन पर खुजली, लाल चकत्ते और फंगल इंफेक्शन हो जाता है.साथ ही, अगर आप गंदा पानी पीते हैं या बाहर का बासी खाना खाते हैं, तो डायरिया, टायफाइड और कॉलरा जैसी बीमारियां घेर सकती हैं.
इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया बहुत एक्टिव हो जाते हैं. साफ पानी न पिएं, तो जॉन्डिस और टायफाइड भी हो सकता है.
बच्चों को ज्यादा संभालने की जरूरत है
बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है. इस मौसम में कफ, कोल्ड, बुखार और पेट की दिक्कतें बच्चों में आम हो जाती हैं. इसलिए बच्चों को गीले कपड़े में न रहने दें और बाहर की चीजें खाने से रोकें.
ये टिप्स अपनाएं और रहें तंदुरुस्त
भीग जाएं तो तुरंत कपड़े बदलें, गर्म पानी से नहाएं.
सिर्फ उबला हुआ या फिल्टर पानी पिएं – 20 मिनट तक उबालना जरूरी.
मच्छरों से बचें – मच्छरदानी लगाएं, क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें.
बाहर का तला-भुना या बासी खाना न खाएं. घर का बना ताजा खाना ही लें.
इम्युनिटी बढ़ाएं – हरी सब्जी, फल, अंडा, दूध, हल्दी-दूध, तुलसी, अदरक और आंवला लें.
बरसात में हो सकती हैं ये बीमारियां
वायरल फीवर
टायफाइड
डेंगू/मलेरिया
कॉलरा/डायरिया
फंगल इंफेक्शन
सर्दी/खांसी/ब्रोंकाइटिस
अस्थमा या दमा