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बाबूलाल मरांडी का आरोप, मेरे और मेरे परिवार पर हमला करने की सुपारी दे रही हेमंत सरकार

Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर आरोप लगाया है. कहा कि हेमंत सरकार मेरे और मेरे परिवार,मेरे करीबियों पर हमला करने के लिए अपराधियों को सुपारी दे रही है. 

श्री मरांडी कहा कि वे इस प्रदेश में केवल नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नहीं, बल्कि उन लाखों झारखंडवासियों की आवाज़ बनकर उपस्थित हुए हैं जो भ्रष्टाचार, दमन और भय की राजनीति से पीड़ित हैं. 

उन्होंने कहा कि सरकार के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े कुछ अत्यधिक भ्रष्ट और आपराधिक प्रवृत्ति के अधिकारी उनके, उनके परिवार और उनके निकट लोगों के खिलाफ षड्यंत्र रचने में लगे हुए हैं. 

इन अधिकारियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है और वे उन्हें डराने-धमकाने के लिए संगठित योजनाओं का सहारा ले रहे हैं, जिनमें हमले की साजिश से लेकर, झूठे मुकदमे, चरित्र हनन, और फर्ज़ी स्टिंग ऑपरेशन तक की तैयारी शामिल है.

सरकार मेरे खिलाफ सक्रिय हो गयी है

श्री मरांडी ने कहा कि सरकार उनके खिलाफ इसलिए सक्रिय हो गयी है क्योंकि उन्होंने अनेक घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों को सार्वजनिक रूप से उजागर किया है. इनमें छत्तीसगढ़-झारखंड शराब घोटाला, बालू, पत्थर, ज़मीन और कोयले के अवैध खनन एवं तस्करी से जुड़े रैकेट, जेएसएससी और जेपीएससी जैसी परीक्षाओं में व्यापक अनियमितताएं, और ग्रामीण योजनाओं के नाम पर हो रही वित्तीय लूट शामिल हैं.  कहा कि जब इन मुद्दों को जनहित में प्रमुखता से उठाया, तो सत्ता में बैठे कुछ लोगों को उनकी सक्रियता असहज करने लगी.

 

झूठे मुकदमों में फंसाने और बदनाम करने की हो रही कोशिश

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब उन्हें चुप कराने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि पूर्व में शिकारीपाड़ा क्षेत्र में उन पर उग्रवादियों द्वारा जानलेवा हमला कराने की साजिश की सूचना उन्हें मिली थी. उस समय की खुफ़िया जानकारी को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी थी.  अब एक बार फिर झूठे मुकदमों और बदनाम करने की योजनाओं के ज़रिए उन्हें चुप कराने का प्रयास किया जा रहा है.

 

डरने वालों में से नहीं हैं हम 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके कुछ करीबी अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने  संदेश दिया कि यदि उन्हें लगता है कि धमकियों, स्टिंग ऑपरेशनों या फर्जी मुकदमों के ज़रिए उन्हें डराया जा सकता है, तो वे भारी भूल कर रहे हैं.

उन्होंने दोहराया कि वे कम बोलने वाले व्यक्ति हैं, लेकिन डरने वालों में से नहीं हैं.  यह भी याद दिलाया कि जब उग्रवादियों के हाथों उन्होंने अपने जवान पुत्र को खोया था, तब भी वे न झुके थे, न रुके थे ऐसे में इन कायराना और नीच साज़िशों से उन्हें डिगाना असंभव है.

 

राज्य की जागरूक जनता और मीडिया से की अपील

श्री मरांडी ने राज्य की जनता से अपील करते हुए कहा कि यह समय है कि राज्य की जागरूक जनता और मीडिया इन षड्यंत्रों को पहचाने और लोकतंत्र की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाए. 

उनके अनुसार, विपक्ष की आवाज़ को दबाने का प्रयास लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों का घोर अपमान है, और यह लड़ाई अब केवल उनकी नहीं, बल्कि झारखंड के हर नागरिक की लड़ाई है. झारखंड को अब डराने और दबाने की राजनीति नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है.

अंत में उन्होंने यह संकल्प दोहराया कि जब तक इस राज्य में एक भी न्यायप्रिय आवाज़ जीवित है, तब तक वे कभी झुकेंगे नहीं