Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांके के नगडी में आदिवासी रैयतों एवं किसानों की उपजाऊ खेतिहर जमीन पर निर्माण की योजना का विरोध कर रहे आदिवासी-किसान रैयतों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना.
रांची जिले के कांके प्रखंड के नगड़ी क्षेत्र में रिम्स के नए परिसर के लिए राज्य सरकार द्वारा उपजाऊ कृषि भूमि का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) May 31, 2025
इस भूमि पर हज़ारों गरीब आदिवासी परिवार वर्षों से खेती कर अपने जीवन का निर्वाह कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह कहीं अन्य स्थान पर उपलब्ध… pic.twitter.com/UNqOopTbqL
कहा कि यहां जो लोग वर्षों से खेती-बाड़ी कर अपनी आजीविका चला रहे हैं, उन्हें आखिर क्यों उजाड़ा जा रहा है? इन किसानों ने कौन-सा अपराध किया है जो उनकी उपजाऊ जमीन छीनी जा रही है?
सरकार यदि अस्पताल ही बनाना चाहती है तो रांची के चारों ओर बंजर भूमि की कोई कमी नहीं है. अगर उन्हें नहीं मिल रही है तो हम खोजने को तैयार हैं.
ये विकास नहीं, झारखंड का विनाश है
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस क्षेत्र में एक ओर 202 एकड़, दूसरी ओर 25 एकड़ ज़मीन है. सरकार को सोचना चाहिए कि क्या ये सही निर्णय है? उपजाऊ खेतों को बर्बाद कर अस्पताल बनाएंगे, तो ये विकास नहीं, झारखंड का विनाश है.
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की कि वे एक बार यहां आकर देखें कि वास्तव में क्या हो रहा है. इससे पहले भी लॉ यूनिवर्सिटी के निर्माण के समय ऐसे ही खेती की ज़मीन ली गई थी, और तब भी स्थानीय लोग विरोध में धरने पर बैठे थे.
आदिवासी-किसानों की आजीविका नहीं छीननी चाहिए
बाबूलाल मरांडी ने कहा, सरकार को विकास के नाम पर आदिवासी-किसानों की आजीविका नहीं छीननी चाहिए. झारखंड की आत्मा उसकी मिट्टी, खेत और किसान हैं, और इन्हीं के विनाश से राज्य का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा.
बाबूलाल ने इस पूरे घटनाक्रम की कड़ी निंदा करते हुए इसे आदिवासी अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताया है. सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हेमंत सरकार आदिवासियों के खेतिहर जमीन से बेदखल करना चाहती है,
आदिवासी के पास जीविकोपार्जन चलाने के लिए अपनी खेती बाड़ी के अलावा और कोई साधन नहीं है.
ग्रामसभा की अनुमति के बिना जमीन को अधिग्रहण करना गैरकानूनी
उन्होंने कह कि ग्रामसभा की अनुमति के बिना किसी की भी जमीन को अधिग्रहण करना गैरकानूनी है. संविधान के अनुसार आदिवासियों को उनकी जमीन पर अधिकार है, और भाजपा उनके साथ खड़ी है.
पुलिस बल लगाकर आदिवासियों की ज़मीन छीनने की इजाज़त किसी को नहीं दी जा सकती. यह सरकार “झारखंड को बेचने पर तुली हुई है. नगड़ी के रैयतों की ज़मीन पहले कभी एक्वायर नहीं हुई थी, और न ही कोई कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई है.
भाजपा देगी न्याय की लड़ाई को धार
बाबूलाल मरांडी ने ऐलान किया कि भाजपा पूरे मामले को विधानसभा से लेकर सड़क तक उठाएगी. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो पार्टी न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगी.
रैयतों की जमीन छीनने की कोशिश को हम विफल करेंगे. हेमंत सरकार के इस तानाशाही रवैये के खिलाफ जनांदोलन होगा.