Giridih: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए गिरिडीह जिले के तीसरी प्रखंड में मंईयां सम्मान योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाया है. उन्होंने 25 महिलाओं को योजना का लाभ न मिलने पर चिंता व्यक्त की है.
गिरिडीह जिले के तीसरी प्रखंड अंतर्गत एक गांव में तकरीबन 40 महिलाओं ने मंईयां योजना का फॉर्म भरा है, लेकिन उनमें से सिर्फ 15 लोगों को ही योजना का लाभ मिल रहा है। बाकी 25 महिलाएं अब भी भुगतान का इंतजार कर रहीं हैं। महिलाओं का कहना है कि उन्होंने पूरी प्रक्रिया के तहत आवेदन किया,… pic.twitter.com/sHEixAvu2J
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 5, 2024
मरांडी ने लिखा कि तीसरी प्रखंड के एक गांव में लगभग 40 महिलाओं ने मंईयां योजना का फॉर्म भरा था, लेकिन इनमें से केवल 15 महिलाओं को ही योजना का लाभ मिला है. बाकी 25 महिलाएं अभी भी भुगतान का इंतजार कर रही हैं. महिलाओं ने बताया कि उन्होंने पूरी प्रक्रिया का पालन किया, फिर भी उन्हें योजना से वंचित रखा गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार के कारण कई पात्र महिलाएं योजना का लाभ नहीं पा रही हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि सभी पात्र महिलाओं को लंबित चारों किस्तों के साथ योजना का लाभ सुनिश्चित किया जाए और भविष्य में नियमित भुगतान हो.
मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार की इस योजना से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक सहायता की उम्मीद थी, लेकिन इसे ठीक से लागू न किए जाने से उनका भरोसा टूट रहा है. उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की भी मांग की है.
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