Ranchi : माननीयों के वेतन वृद्धि पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आपत्ति जताई है. सोशल मीडिया (फेसबुक) में लिखा है कि सरकार के पास पैसों की कमी सिर्फ गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के लिए रहती है. जहां मुख्यमंत्री जी को महीने के 80,000 रुपए, मंत्री और राज्यमंत्री को 65,000 रुपए तथा विधायकों को 40,000 रुपए कम पड़ जाते हों, वहीं झारखंड की आम जनता के भविष्य और जीवन यापन के लिए सरकार के पास आना भी नहीं है. झारखंड की जनता जानना चाहती है कि जब बात खुद के इंतजाम की आती है तो इतने पैसे सरकार के किस बटुए में आ जाते हैं. सरकार के आंगन में लगा वो कौन सा पैसों का पेड़ है, जो सत्ताधारियों/जन प्रतिनिधियों के लिए ही धन की वर्षा करता है कि सभी के वेतन में 20,000 रुपए का इजाफा कर दिया जाता है.
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चूल्हा खर्च देने के नाम पर 2000 रुपए तक नहीं
बाबूलाल ने कहा कि जहां गठबंधन सरकार के पास महिलाओं को चूल्हा खर्च देने के नाम पर 2000 रुपए तक नहीं हैं, जहां बेरोजगारी भत्ता देने में सरकार की रूह कांप उठती है, जहां किसानों की 2 लाख तक कर्ज माफी करने में सरकार के पास पैसे नहीं बचते हैं, जहां गरीबों की थाली में 2 वक्त की रोटी मुहैया कराने में पैसे की कमी हो जाती है, उसी गठबंधन सरकार के लिए खुद के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है. ये कैसी सरकार है, जिसकी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में सांसें फूलने लगती हों,छात्रों के लिए नौकरी का विज्ञापन निकालने में हाथ थरथराने लगते हों, मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने में जिनकी इंसानियत मर जाती हो, महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में जिनके पैरों के नीचे को जमीन खिसक जाती हो,गरीबों के बेहतर जीवन यापन की गारंटी देने में जिनकी कलम चलनी बंद हो जाती हो,किसानों के साथ न्याय करने में जिनके पसीने छूटने लगते हों.
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