: सामना ने लिखा, अजित पवार ने मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा का दामन थामा, शिंदे के दिन लदे
मंत्री व मीडियाकर्मियों को नहीं दी गयी अंदर जाने की अनुमति
दरअसल मंत्री मिथिलेश ठाकुर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचे थे. लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गयी. जिससे नाराज होकर वे लौट गये. उन्होंने कहा कि वे इस समारोह में शामिल नहीं होंगे. कहा कि केंद्र के इशारे पर राजभवन काम कर रहा है, यह लोकतंत्र पर कुठाराघात है. मंत्रियों को नहीं जाने देना, उसके कार्यकर्ताओं को नहीं जाने देना और मीडियाकर्मियों को भी नहीं जाने देना, यह पूरी तरह से तानाशाही है. इससे आगे उन्होंने कहा कि राजभवन पूरी तरह से केंद्र के इशारे पर काम कर रहा है. [caption id="attachment_686854" align="aligncenter" width="600"]alt="शपथ लेती बेबी देवी " width="600" height="400" /> शपथ लेती बेबी देवी[/caption] इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्री ने भी हफीजुल अंसारी राजभवन की पाबंदियां पर आपत्ति प्रकट की. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को नहीं जाने दिया जा रहा है. मीडियाकर्मियों को राजभवन के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने फौरन फोन लगाकर सीएमओ और राजभवन के अफसरों से बातचीत की. हालांकि वे भी समारोह में शामिल हुए बिना ही वापस लौट गये.
1979 में जगरनाथ महतो के साथ विवाह बंधन में बंधी
बेबी देवी का नैहर धनबाद जिला के तोपचाची प्रखंड के गोमो के पास जीतपुर गांव में है. 1979 में कम उम्र में ही उनकी शादी जगरनाथ महतो के साथ हो गई. उस समय जगरनाथ महतो मिडिल स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे. शादी के 44 साल हो गए. मौजूदा समय में बेबी देवी के पिता भवानी महतो और मां झुपरी देवी सहित दो भाई बोधराम महतो और मोहन महतो का भी निधन हो चुका है.चार बेटी व एक बेटे की मां है बेबी देवी
बेबी देवी और जगरनाथ महतो के चार बेटी व एक बेटा है. सबसे बड़ी बेटी सुनीता कुमारी की शादी गिरिडीह के मदेडीह, दूसरी बेटी रीना कुमारी नावाडीह, तीसरी बेटी गीता कुमारी हजारीबाग व कनिष्ठ बेटी पूनम कुमारी की शादी रांची के तमाड़ में हुई है. इकलौता बेटा अखिलेश महतो ऊर्फ राजू है. बेबी देवी विवाह बंधन में बंधने के बाद घर गृहस्थी के कामों में लगी रहीं. उन्हें क्या पता था कि तकदीर एक दिन घर गृहस्थी के कामों से इतर राजनीति, सत्ता और मंत्रालय के गलियारे में ले आयेगी. वैसे तो जगरनाथ महतो ने भी हाई स्कूल तक की पढ़ाई की थी. इंटर में उन्होंने मंत्री रहते अपना नामांकन कराया था. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान वे बीमार पड़ गये. बाद में स्वस्थ होने के बाद पुनः मंत्रालय का काम काज संभाल लिया था. इस बीच फिर बीमारी ने उन्हें ऐसा जकड़ा कि 6 अप्रैल को उनका निधन हो गया. और बेबी देवी के कंधे पर घर गृहस्थी के साथ पति के राजनैतिक दायित्व को भी संभालने की जिम्मेवारी आ गई.2005 से लगातार विधायक थे जगरनाथ महतो
जगरनाथ 2005 में झामुमों की टिकट पर चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने. इसके बाद लगातार चार बार चुनाव जीते और डुमरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इसे भी पढ़ें - लैंड">https://lagatar.in/land-scam-former-dc-chhavi-ranjan-will-have-to-wait-for-bail-court-asks-ed-to-answer/">लैंडस्कैम: पूर्व DC छवि रंजन को बेल के लिए करना होगा इंतजार, कोर्ट ने ED से मांगा जवाब [wpse_comments_template]
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