Latehar: झारखंड पिछड़ा आयोग के सदस्यों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में मुलाकात की. आयोग के सदस्य लक्षमण प्रसाद यादव (लातेहार) ने बताया कि मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा गया है. ज्ञापन में झारखंड में बिहार, मध्य प्रदेश, तामिलनाडू व आंध्र प्रदेश की तरह पृथक पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय व निदेशालय का गठन किया जाना चाहिए. झारखंड में अभी तक पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए अलग से मंत्रालय व निदेशालय का गठन नहीं हो पाया है. ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड राज्य की तकरीब 52 प्रतिशत आबादी पिछड़े वर्ग की है. उन्होंने बताया कि 25 मई को झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की संपन्न बैठक में झारखंड राज्य में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय विभाग एवं निदेशालय का गठन करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि भारतीय संविधान की धारा 15 (4) एवं 29 (2) में स्पष्ट उल्लेख है कि सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए विशेष प्रावधान कर सकती है. यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पिछड़े वर्गों के हित के लिए इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्ववासन दिया है. प्रतिनिधि मंडल में आयोग के अन्य सदस्य केशव महतो कमलेश व नंद किशोर मेहता शामिल थे.
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