Baharagoda (Himangshu karan) : विकास की बह रही गंगा के बीच आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले मासूमों को सिर पर छत भी नसीब नहीं हो रही है. बहरागोड़ा प्रखंड की पाटपुर पंचायत के भागाबांधी गांव में आंगनबाड़ी केंद्र भवन के अभाव में मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हरी मंडप में चलता है. हरी मंडप चारों ओर से खुला हुआ है सो आसमान में काले बादल देखते ही वर्षा होने की संभावना से बच्चे घर भाग जाते हैं. इसी तरह तपती दोपहरी में भी हरी मंडप में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो जाता है. आज तक आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नहीं बनाया जा सका. जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों का ध्यान इन मासूमों की परेशानियों की ओर नहीं है. जबकि यह आंगनबाड़ी केंद्र प्रखंड मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर ही दूर है.
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मध्यान भोजन बनता है सेविका के घर पर
इस आंगनबाड़ी केंद्र में 26 नामांकित बच्चे हैं. केंद्र की सेविका सुधा बेरा बड़ी मुश्किल से केंद्र का संचालन कर रही हैं. यह मिनी आंगनबाड़ी केंद्र है. इसलिए सहायिका का प्रावधान नहीं है. हरी मंडप के पास स्थित चापाकल से बच्चे पीने का पानी लेते हैं. बच्चों के लिए मध्यान भोजन बनाने का काम सेविका अपने घर में करती है. घर से ही मध्यान भोजन बनाकर लाती हैं और बच्चों को खिलाती हैं. आंगनबाड़ी केंद्र के सामान और उपकरण सेविका के घर में ही हैं. सेविका सुधा बेरा ने बताया कि हरी मंडप में केंद्र के संचालन में बड़ी परेशानियां हो रही हैं. वर्षा होने पर बच्चों को घर भेजना पड़ जाता है. इसी तरह भीषण गर्मी के दौर में भी बच्चों को हरी मंडप में बैठा कर पढ़ाना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने बताया कि बरसात में और गर्मी में आंगनबाड़ी केंद्र को चलाना बड़ा ही कठिन हो जाता है. यहां पर एक आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण बहुत ही जरूरी है. ताकि छोटे-छोटे बच्चों को परेशानी नहीं हो.
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