Ghatshila : बहरागोड़ा प्रखंड की चिंगड़ा पंचायत के कोसाफलिया गांव के शहीद जवान गणेश हांसदा की याद में उनके बड़े भाई दिनेश हांसदा ने भव्य शहीद स्मारक स्थल बनवा दिया है. दिनेश हांसदा ने स्मारक स्थल अपने गांव में निजी स्तर से लाखों की लागत से बनवाया है. इतना भव्य और फूल-पौधों से सुसज्जित शहीद स्मारक स्थल घाटशिला अनुमंडल में शायद ही कहीं और देखने को मिले. यह स्थल एक भाई का भाई के प्रति प्रेम का प्रतीक भी है. दिनेश हांसदा द्वारा बनवाया गया यह स्मारक स्थल सज-धज कर पूरी तरह से तैयार है और अपने उद्धाटन के लिये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की राह देख रहा है. मुख्यमंत्री ने शहीद के परिवार को भरोसा दिया है कि वे इसका उद्धाटन करने अवश्य आएंगे.
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विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों से सजा है स्थल
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मालूम हो कि 16 जून 2020 को गणेश हांसदा गलवान घाटी में चीनी सेना से बहादुरी के साथ मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे. उनकी याद में उनके बड़े भाई दिनेश हांसदा ने गांव के पास ही अपनी जमीन पर शहीद स्मारक स्थल बनवा दिया. विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों से सुसज्जित इस स्मारक स्थल की खूबसूरती देखने लायक है. इस स्मारक स्थल में प्रवेश करते ही भारत माता के चित्र और राष्ट्रीय ध्वज को देखकर मन में देशभक्ति के भाव हिलोरे मारने लगते हैं. इस इलाके में दूसरे जगहों से आने वाले लोग इस शहीद स्मारक स्थल का दीदार करने जरूर आते हैं.
स्थल को देख युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा मिले: दिनेश
शहीद के बड़े भाई दिनेश हांसदा शहीद स्मारक स्थल की साफ-सफाई और खूबसूरती को निखारने में जुटे रहते हैं. दिनेश हांसदा ने बताया कि उन्होंने शहीद स्मारक स्थल इसलिये बनवाया ताकि इसे देखकर युवाओं को देश प्रेम और देशभक्ति की प्रेरणा मिले और उनके बलिदान की यादगार अमर रहे. स्मारक स्थल के निर्माण में लगभग 20 लाख रुपये खर्च हुए हैं. स्मारक स्थल को सवांरने में गांव के युवा भी मदद करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह इस शहीद स्मारक स्थल का उद्घाटन करेंगे.
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स्मारक स्थल तक जाने के लिए नहीं है सड़क
गौरतलब है कि वीर शहीद गणेश हांसदा के शहीद स्मारक स्थल तक जाने के लिए सड़क नहीं है. स्मारक स्थल तक जाने के लिए पगडंडी से होकर जाना पड़ता है. शहीद के भाई दिनेश हांसदा ने कहा कि स्मारक स्थल तक रास्ता होना जरूरी है. स्मारक स्थल के पौधों की सिंचाई के लिये पानी की व्यवस्था भी आवश्यक है. दूर से पानी लाकर पौधों की सिंचाई करनी पड़ रही है.
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