Bahragora : बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में स्वर्णरेखा नदी तथा अन्य कई जल स्रोतों के किनारे दो दर्जन से अधिक लिफ्ट इरिगेशन (उदवह) योजनाएं वर्षों से बंद पड़ी हैं. 90 के दशक तक इन योजनाओं से स्वर्णरेखा नदी के किनारे बसी छह पंचायत के गांव के किसान हजारों एकड़ खेत की सिंचाई कर फसल उपजाते थे. इन योजनाओं का संचालन लघु सिंचाई विभाग के तहत होता था.1995 तक ऐसी तमाम योजनाएं बंद हो गईं. आज भी कई जगहों पर इन योजनाओं के अवशेष देखे जा सकते हैं. इन योजनाओं को चालू करने की दिशा में पिछले 20 वर्षों में कई विधायकों ने प्रयास किया परंतु कुछ नहीं हुआ. स्वर्णरेखा नदी का पानी बेकार बह जाता है और किसान सिंचाई से वंचित रह जाते हैं. ऐसी योजनाएं अगर चालू हों तो हजारों किसान लाभान्वित हो सकते हैं. चाकुलिया के श्यामसुंदरपुर, बहरागोड़ा के गुहियापाल, मधुआबेड़ा, बामडोल, डोमजुड़ी जामशोला समेत अन्य जगहों पर इन योजनाओं के पंप हाउस और जमीन के अंदर पाइप लाइन देखे जा सकते हैं.
खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पहले पंप हाउस में सरकारी ऑपरेटर थे बहाल
स्वर्णरेखा नदी का पानी पाइप से पंप हाउस में लाकर सिंचाई के लिए खेतों तक पहुंचाया जाता था. पंप हाउस में सरकारी ऑपरेटर बहाल थे. योजनाओं के बंद होने से किसानों के समक्ष सिंचाई की बड़ी समस्या है. किसान निजी स्तर से सिंचाई की व्यवस्था कर खेती करते हैं. क्षेत्र के किसान वर्षों से इन योजनाओं को चालू करने की मांग कर रहे हैं. इस मसले पर स्थानीय विधायक समीर महंती ने कहा कि इन योजनाओं को चालू करने के लिए उन्होंने विधानसभा में प्रश्न उठाया है. बंद पड़ी इन योजनाओं को चालू कराने की दिशा में वे प्रयासरत हैं.