Baharagora (Himangshu Karan) : बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर गुरुवार को पुत्रों के दीर्घायु के लिए माताओं ने बड़े धूमधाम से षष्ठी देवी की पूजा की. साथ ही पुत्र की दीर्घायु व संतान प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखा. हिंदू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष को माता षष्ठी का व्रत रख महिलाएं किसी जलाशय या नदी किनारे कलश स्थापना कर इस व्रत का पालन करती हैं. इस अवसर पर पांचाण्डो गांव के बड़ा तालाब किनारे कलश स्थापना कर महिलाओं ने व्रत रखा और पूरे रीति-रिवाज के साथ श्रद्धा भाव से पुजा-अर्चना की. इस दौरान प्रसाद का वितरण भी किया गया.
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क्या है पौराणिक मान्यता
षष्ठी एक हिंदू देवी है, महिलाएं षष्ठी देवी की पूजा अपने बच्चों के दाता और रक्षक के रूप में करती हैं. पौराणिक मान्यता है कि वनस्पति व प्रजनन की देवी के रूप में इनकी पूजा होती है. नि:संतानों को संतान प्रदान करती है और प्रसव के दौरान सहायता करती हैं, उन्हें अक्सर एक मां जैसी छवि में चित्रित किया जाता है, जो बिल्ली की सवारी करती है.
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