Bahragora : बहरागोड़ा प्रखंड के मानुषमुड़िया और उसके आसपास के इलाके में इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण धान की खेती नहीं हो पाई है. भुतिया पंचायत में भी कमोवेश यही स्थिति है. इसके कारण किसान काफी चिंतित है. स्वर्णरेखा परियोजना की मुख्य बांयी नहर भी किसानों के आंसू पोछने में नाकाम साबित हुई है, क्योंकि इस वर्ष इस नहर में पानी छोड़ा ही नहीं गया. नहर अब तक सूखी है. किसानों के मुताबिक क्षेत्र के धानघोरी, मंगड़ोशोल, पानीशोल, भुतिया, आगांरीशोल, नागदोहा, पंखिशोल, गंडानाटा, पाथरा, मानुषमुड़िया, सालदोहा समेत अन्य कई मौजों में धान की खेती नहीं हो पाई है.
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किसानों के मुताबिक समय पर बारिश नहीं हुई. अगर बारिश हुई भी तो अब पर्याप्त मात्रा में. इसके कारण धान के बिचड़े खेतों में ही सूख गए और धान की रोपनी नहीं हो पाई. किसान सुशील पातर, कृष्ण पातर, सत्य पातर, मंगल सोरेन, रथु मुर्मू, पागान सोरेन कान्हाइ लाल मुर्मू, सुकरा पातर सुर्दशन पातर, संजीव पातर, दाखिन मुर्मू, माताल मुर्मू, रथी मुर्मू ने कहा कि धान की खेती नहीं होने से स्थिति भयावह हो गई है. किसानों ने कहा कि स्वर्णरेखा परियोजना की नहर भी किसी काम नहीं आई. नहर के किनारे के खेतों में भी धान की रोपनी नहीं हो पाई. क्षेत्र में सिंचाई के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है.