Ghatshila : बहरागोड़ा प्रखंड में स्वर्णरेखा नदी के किनारे स्थित महुलडांगरी के कामेश्वर शिव मंदिर में गाजन पर्व की अनोखी परंपरा है. यहां गाजन पर्व के दौरान चौकीदार मध्य रात्रि में चोर बन कर पूजा के लिए ओड़िशा से मिट्टी चोरी कर लाते हैं. यह परंपरा राजा के जमाने से ही चली आ रही है. मालूम हो कि इस बार भी चौकीदार द्वारा मध्य रात्रि में ओड़िशा से मिट्टी को चोरी कर लाया गया है. इस मंदिर में 13 अप्रैल से दो दिवसीय गाजन पर्व शुरू हो गया है. 13 अप्रैल की शाम को स्वर्णरेखा नदी से गाजे-बाजे के साथ गोरेया भार को लाया गया. दर्जनों भोक्ता स्वर्णरेखा नदी से स्नान कर जमीन पर लोटते हुये मंदिर पहुंचे. इसके बाद मंदिर में सेवायत सह कमेटी के अध्यक्ष असित पंडा, अमलेंद्र पंडा, चंद्रशेखर पंडा ने पूजा-अर्चना कराई. साथ ही मंदिर परिसर में शिव नृत्य भी आयोजित की गई.
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परंपरा अनुसार जलाया गया पाट भोक्ता का पुतला
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विदित हो कि मध्य रात्रि में चौकीदार संजीव बेरा ने ओड़िशा सीमा में जाकर वहां से मिट्टी को चोरी कर लाया. उस मिट्टी से आज शाम को पूजा की जायेगी. वहीं, गुरुवार की सुबह परंपरा के मुताबिक पाट भोक्ता का पुतला जलाया गया. साथ ही शाम को श्राद्ध कर्म किया जाएगा जिसमें सभी भोक्ता नए वस्त्र पहनेंगे. देर शाम को मंदिर परिसर में रजनी फोड़, जीभ फोड़ आयोजित होगी. भोक्ता अपने जीभ में कील घोंपकर पूजा-अर्चना करेंगे. इस आयोजन को सफल बनाने में मंदिर के सेवायत सह अध्यक्ष असित पंडा, सचिव मिंटू पाल, कोषाध्यक्ष मृत्युंजय साव, ब्रह्म पद घोष, रतन दंडपाट, माखन पाल, दिलीप दंडपाट, मोहनी साव, पशुपति पैड़ा, बापी नायक, खोकन लेंका समय कमेटी के सदस्य जुटे हुए हैं.
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