Baharagora (Himangshu Karan) : ओलचिकी लिपि हूल बैसी के झारखंड बंद का मंगलवार को बहारागोड़ा प्रखंड के मानुषमुड़िया समेत ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक असर रहा. बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया. संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, संथाली शिक्षकों की बहाली करने, संथाली भाषा की पुस्तकों को ओलचिकी लिपि में विमोचन करने आदि मांगों को लेकर यह बंद बुलाया गया था. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे चाकुलिया के कालापाथर पंचायत के मुखिया शिव चरण हांसदा ने कहा झारखंड सरकार उनकी मांगों को अनदेखी कर रही है. सरकार को पहले ही हमलोगों ने अपनी मांगों को अवगत करा दिया था. मांगें पूरी नहीं होने पर बाध्य होकर आज सड़क पर उतरना पड़ा हैं. इस मौके पर धनेश्वर मुर्मू, विधान चंद्र मांडी, सीलू मुर्मू, जितेंद्रनाथ टुडू, रोबिन मुर्मू, दीपक सोरेन,राम मुर्मू, नकुल टुडू, किरण टुडू, नारायण किस्कू, सिमल मुर्मू, समाय बास्के, गोपबंधु किस्कू, कन्हाईलाल मुर्मू सहित आदिवासी समाज के अनेक लोग उपस्थित रहे.
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