NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है. कोर्ट ने निचली अदालतों पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि हमें याद रखना चाहिए कि बेल नियम है और जेल अपवाद है. साथ ही कहा है कि जीने का अधिकार व आजादी का अधिकार सभी को है. मनीष सिसोदिया को 17 माह पहले ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्हें शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. इस दौरान जमानत की मांग को लेकर मनीष सिसोदिया निचली अदालत से लेकर शीर्ष अदालत तक याचिका दाखिल की.
#WATCH दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा, “…इस बात को ध्यान में रखते हुए कि 17 महीने की जेल मनीष सिसोदिया काट चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैसा ED ने कहा था कि ये ट्रायल 6-8 महीने में खत्म हो जाएगा, वो होता नहीं दिख रहा…ED का आरोप खारिज… pic.twitter.com/B8pnQuOywz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 9, 2024
जमानत देने का आधार ट्रायल शुरू नहीं किया जाना बताया गया
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने का आधार ट्रायल शुरू नहीं किया जाना बताया है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर माह में मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी. तब ईडी की तरफ से बताया गया था कि अगले छह-सात महीनों में अभियुक्त के खिलाफ ट्रायल खत्म हो जायेगा. लेकिन 11 माह बीतने के बाद भी ट्रायल शुरू भी नहीं किया गया है.
कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी रखी हैं. पहली शर्त यह है कि वह अपना पासपोर्ट जमा करेंगे. साथ ही जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में दो बार जरूर उपस्थित होंगे.