Lagataresk : देश के बैंकों ने बिजनेसमैन विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से 13109 करोड़ वसूले हैं. बैंकों ने ये रकम तीनों की संपत्ति बेचकर वसूली गयी है. इसकी जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में दी है. सीतारमण ने बताया कि ईडी ने एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत विजय, नीरव और मेहुल की संपत्ति जब्त की थी.
जुलाई में बैंकों ने डिफॉल्टरों से 792.11 करोड़ की वसूली की थी
इससे पहले जुलाई में एसबीआई के नेतृत्व में बैंकों के एक संघ ने इन तीनों डिफॉल्टरों से 792.11 करोड़ रुपये की वसूली की थी. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले सात सालों में कुल 5.49 लाख करोड़ फंसे कर्ज को रिकवर कर लिया गया है.
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माल्या 9000 करोड़ से अधिक के हैं डिफॉल्टर
बता दें कि विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक लोन के डिफॉल्टर हैं. फिलहाल वो ब्रिटेन में हैं. भारत सरकार विजय माल्या को वापस लाने में जुटी है. ब्रिटेन की एक अदालत ने जुलाई में विजय माल्या को दिवालिया घोषित करने का आदेश दिया था. जिसके माल्या की संपत्ति को जब्त करने के लिए बैंकों का रास्ता साफ हो गया.
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चौकसी पर पीएनबी के साथ लोन धोखाधड़ी का आरोप
नीरव मोदी के रिश्तेदार मेहुल चौकसी पर पीएनबी के साथ 14,000 करोड़ रुपये की लोन धोखाधड़ी करने का आरोप है. डोमिनिका के एक अदालत में चौकसी को जमानत मिली थी. ताकि वो इलाज के लिए एंटीगा और बरमुडा की यात्रा कर सके. चौकसी भारत से फरार होने के बाद 2018 से एंटीगा में रह रहे हैं. चौकसी को अवैध एंट्री के चलते 23 मई को डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था.
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2019 में नीरव मोदी को भगौड़ा आर्थिक अपराधी किया गया था घोषित
हीरा कारोबारी नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के दो अरब डॉलर लेकर भागे है. मार्च 2019 में गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में वो बंद है. भारत में प्रत्यपर्ण के मुकदमे का सामना कर रहा है. नीरव मोदी को दिसंबर 2019 में “भगौड़ा आर्थिक अपराधी” घोषित किया गया था. मुंबई की एक विशेष अदालत ने अगस्त 2021 में नीरव मोदी की कंपनियों की 500 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दी थी.
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