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राहत के बाद भी खुश नहीं हैं बार संचालक

Ranchi: जारी गाइडलाइन के अनुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित होटल, रेस्तरां और बार फिर से शुरू हो जायेंगे. लेकिन बार संचालकों को अपने व्यवसाय के शुरु होने से ज्यादा चिंता इस बात की सता रही है कि उनके वित्तिय वर्ष के  लाइसेंस शुल्क क्या होगा. इस विषय को लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड, चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे को पत्र भी लिखा है.

डरे हुए हैं बार संचालक

चैंबर महासचिव धीरज तनेजा ने कहा कि बार लाइसेंस धारियों को मौखिक रूप से पूरे एक वित्तिय वर्ष का लाइसेंस शुल्क जमा करने की बात कही गयी है. यहीं कारण है कि बार संचालक अपना व्यापार आरंभ करने से पहले ही डरे हुए हैं.

क्या कहते हैं बार संचालक

बार संचालकों का कहना है कि लाकडाउन के बाद 22 मार्च से 31 अक्टूबर तक सरकार की अनुमति से ही ये व्यापार बंद रखा गया था. व्यापार बंद होने पर लाइसेंस शुल्क जमा करना व्यवसायियों के लिये संभव नहीं है. चैंबर ने अपील की है कि केवल 1 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक ही लाइसेंस शुल्क लेने का निर्देश जारी करें. साथ ही जिन्होंने वित्तिय वर्ष 2020-21 का शुल्क पहले ही जम कर दिया है  उनके लाकडाउन की अवधि के शुल्क का समायोजन अगले वित्तिय वर्ष 2021-22 में करने की व्यवस्था की जाए.

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