Lucknow : खबर है कि उत्तर प्रदेश के बरेली में साल 2010 में हुए बवाल के समय पुलिस और प्रशासनिक अफसरों द्वारा कार्रवाई नहीं करने के मामले को कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. जो खबर आयी है, उसके अनुसार बरेली कोर्ट ने आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर को दंगे का मुख्य मास्टर माइंड मानते हुए समन जारी कर 11 मार्च को मौलाना को तलब किया है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने कार्रवाई न करने को लेकर बरेली के अफसरों पर तल्ख टिप्पणी की है. इस क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ने कहा कि धार्मिक व्यक्ति ही योग्य राजा बन सकता है.
कोर्ट के आदेश की कॉपी सीएम योगी को भेजने का आदेश
सूत्रों के अनुसार कोर्ट के आदेश की कॉपी योगी आदित्यनाथ को भेजने का आदेश दिया गया है. बता दें कि इस घटनाक्रम को लेकर इंस्पेक्टर सुभाष यादव ने पांच मार्च को अपना बयान दर्ज कराया था. इसी क्रम में कोर्ट ने कहा, तब तक कष्टों का अंत नहीं होगा, जब तक कि दार्शनिक राजा ना हो. रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि यह साफ है कि बरेली के दंगों के मुख्य मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा खान ही थे.
धार्मिक व्यक्ति सत्ता की कुर्सी पर बैठता है तब उसके अच्छे परिणाम सामने आते हैं
कोर्ट का मानना था कि जब कोई धार्मिक व्यक्ति सत्ता की कुर्सी पर बैठता है तब उसके अच्छे परिणाम सामने आते हैं, दार्शनिक प्लेटो का उदाहरण देते हुए कहा कि अपने ग्रंथ रिपब्लिक आफ फिलास्फर किंग में प्लेटो ने लिखा है कि हमारे नगर राज्यों में तब तक कष्टों का अंत नहीं होगा जब तक कि दार्शनिक राजा ना हो. आज न्याय का मतलब कानून है, प्लेटो के समय में यह धर्म था. यूपी के मुख्यमंत्री महान सिद्धपीठ गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर महंत बाबा योगी आदित्यनाथ इस अवधारणा को सत्य साबित कर रहे हैं.
अफसरों ने सत्ता के इशारे पर किया काम
अपर सत्र न्यायाधीश ने अफसरों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अफसरों ने सत्ता के इशारे पर काम करते हुए 2010 के बरेली दंगे के मुख्य मास्टर माइंड मौलाना तौकीर रजा खान का सहयोग किया. खबरों के अनुसार अपने फैसले में अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने समन के अदालती आदेश में कई रुलिंग्स को कोट करते हुए कहा है कि अदालत का काम सिर्फ साइलेंट एम्पायर का नहीं है इसलिए न्यायहित में धारा 147, 148, 149, 307, 436, 332, 336, 427, 152, 153 ए, 295, 397, 398, धारा 120 बी और लोक संपत्ति क्षति अधिनियम की धारा तीन के अन्तर्गत मौलाना तौक़ीर को तलब करने के पर्याप्त आधार हैं.
योगी यूपी के सीएम ना होते तो तौकीर रजा कुछ दिन पहले भी दंगा करा देते
अदालत ने 11 मार्च को मौलाना तौकीर रजा खान को तलब किया है. साथ ही मुख्यमंत्री को भी इस आदेश की प्रति यह कहते हुए भेजने का आदेश दिया कि कि तत्कालीन अफसरों ने दंगे के मास्टरमाइंड को सहयोग किया था. रवि कुमार दिवाकर ने आदेश में य़ह भी कहा कि अगर योगी यूपी के सीएम ना होते तो तौकीर रजा कुछ दिन पहले भी दंगा करा देते. जज दिवाकर ने कहा कुछ समय पूर्व मौलाना तौकीर रजा खान ने बरेली शहर में फिर से दंगा भड़काने का प्रयास किया. प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध अपमानजनक बातें कही, जिसे मेरी धर्मपत्नी ने सुना. उसने कहा कि जब यह व्यक्ति देश के पीएम के बारे में अपमानजनक बातें कह सकता है, तब वह कुछ भी कर सकता है.
राजनीतिक पार्टियां धर्म विशेष के लोगों के तुष्टिकरण में लगी रहती हैं
कोर्ट ने एक धर्म विशेष पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत में दंगे होने का एक खास कारण यह भी है कि यहां राजनीतिक पार्टियां धर्म विशेष के लोगों के तुष्टिकरण में लगी रहती हैं. इस कारण धर्म विशेष के लोगों का मनोबल इतना बढ़ जाता है कि अगर दंगा भी हुआ तब उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा. भारत की न्याय व्यवस्था में न्याय लेने में सालों साल लगते हैं, यह प्रकरण भी 2010 से लंबित है. जान लें कि बरेली दंगे का यह यह मामला सन 2010 का है. अपराध संख्या 519 मुकदमा थाना प्रेम नगर में पंजीकृत है. इसमें अंजुमन को लेकर विवाद था. इसे लेकर में तौकीर रजा ने भाषण दिया था. उ उसके भाषण के बाद बरेली में दंगा भड़क गया था.