उपकारा में तीन पुरुष और एक महिला सेक्टर
जेलर ने बताया कि बरही उपकारा में पुरुष के लिए तीन और महिला के लिए एक सेक्टर बनाया गया है. प्रत्येक सेक्टर में चार वार्ड हैं. पुरुष सेक्टर के प्रत्येक वार्ड में 25 बंदियों के रहने की व्यवस्था है. वहीं महिला सेक्टर के चार वार्ड में मात्र 25 बंदी रह सकते हैं.काराधीक्षक सहित कुल 62 कर्मी और अधिकारी हैं तैनात
जेलर ने अनुसार दो बंदियों और जेल की सुरक्षा के लिए एक काराधीक्षक, एक जेलर, दो कक्षपाल, दो कंप्यूटर ऑपरेटर, 10 होमगार्ड, 35 जैप के जवान, पांच पूर्व सैनिक, एक माली, एक इलेक्ट्रीशियन और एक नाई तैनात है. जानकारी के अनुसार दो कैदियों की सुरक्षा में प्रतिमाह करीब आठ से दस लाख मासिक खर्च होते हैं. यह एक विडंबना है कि झारखंड के कई जेलों में कैदियों के रहने के लिए स्थान नहीं है, वहीं उपकारा बरही में बंदियों की आने की राह देखी जा रही है. (हजारीबाग">https://lagatar.in/category/jharkhand/north-chotanagpur-division/hazaribagh/">(हजारीबागकी खबरों के लिए यहां क्लिक करें)
एक सितंबर 2021 को पहली बार आए थे 11 बंदी
[caption id="attachment_648153" align="alignleft" width="150"]alt="जेलर बिनोद सिंह" width="150" height="150" /> जेलर बिनोद सिंह[/caption] जेलर ने बताया कि उपकारा के उद्घाटन के बाद पहली बार 11 कैदी एक सितंबर 2021 को बरही जेल भेज गए थे. सबकी अवधि समाप्त होने के बाद लगभग सभी घर चले गए. वर्तमान में सिर्फ दो बंदी बचे हैं. यह दोनों भी करीब एक वर्ष के बाद रिहा हो जाएंगे.
कोर्ट और वीसी की सुविधा नहीं होना मुख्य कारण
सारी सुविधाओं के बावजूद यहां बंदियों के नहीं भेजे जाने की मुख्य वजह बरही में कोर्ट का नहीं होना और दूसरा कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा नहीं होना बताई जा रही है. जेलर ने बताया कि वीसी के लिए जेल प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है. उम्मीद है कि दो माह के अंदर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा बहाल हो जाएगी. कोर्ट के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना होगा. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-the-person-who-went-to-bring-leaves-in-the-forest-died-in-ied-blast/">चाईबासा: जंगल में पत्ता लाने गये व्यक्ति की आईईडी ब्लास्ट में मौत हो गयी [wpse_comments_template]