Ranchi: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा. कहा कि हेमंत सरकार ने पिछले 5 वर्षों में झारखंड के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार देने का काम किया. तुष्टिकरण और सांप्रदायिकता की राजनीति चरम पर पहुंच गई. शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं पूरे तरीके से इस सरकार में ध्वस्त हो गई.
96% प्रिंसिपल के पद खाली
सरकारी आंकड़ों के अनुसार झारखंड के विभिन्न मिडिल स्कूलों में 96% प्रिंसिपल के पद खाली है. सब प्रभार पर चल रहा है. कुल 3218 में 3163 पद मिडिल स्कूलों में खाली पड़े हैं. शिक्षा इस सरकार की प्राथमिक सूची में है ही नहीं. शिक्षकों की बात करें तो सभी वर्गों को मिलाकर कुल 68% शिक्षकों के पद खाली है. 60,000 पारा शिक्षकों को हेमंत सरकार ने नियमित करने का आश्वासन दिया था. मगर अभी भी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
प्रति लाख की आबादी पर सिर्फ 6 डॉक्टर
झारखंड में प्रति लाख की आबादी पर सिर्फ 6 डॉक्टर है. विशेषज्ञ डॉक्टर के 85% पद खाली है जो हेमंत सरकार की उदासीनता को दिखाता है. इस सरकार में संस्थागत प्रसव से राज्य की 25% आबादी को वंचित रखा है. हजारीबाग, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम और रामगढ़ जैसे जिलों में संस्थागत प्रसव का प्रतिशत तो 60 प्रतिशत से भी कम है. नर्स स्वास्थ्य व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है. झारखंड में नसों की कुल क्षमता 5872 है. लेकिन झारखंड के 17 जिलों में 52% नसों की कमी है. 108 एंबुलेंस सेवा भी इस सरकार ने 5 वर्षों में पूरे तरीके से पंगु बना दिया है.
पुलिसिया अत्याचार का सबसे ज्यादा शिकार आदिवासी
इस सरकार में आदिवासियों को माओवादी समर्थक होने या चोरी जैसे छोटे अपराधों के आरोप में गिरफ्तार का निशाना बनाया गया. 33 लोग पुलिस जुल्म के शिकार हुए. जिसमें 23 लोग अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं. जनता 23 नवंबर का बेसब्री से इंतजार कर रही है जब झारखंड के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार की विदाई हो जाएगी.
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