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संक्रमण काल में अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनीं बैंक वाली दीदियां, 3383 गांवों में पहुंचा रहीं बैंकिंग सुविधा

  • अप्रैल 2021 से अबतक बैंकिंग कॉसेस्पोंडेंट सखियों ने किया 91 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन
  • हर पंचायत में बीसी सखी नियुक्त करने का हेमंत सरकार का लक्ष्य

Ranchi: कोरोना संक्रमण के इस बुरे समय में झारखंड की बैंक वाली दीदियां अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन गई हैं. राज्यभर के 3383 गांवों में बैंक दीदियां बैंकिंग सुविधाएं पहुंचा रही हैं. इन्होंने अप्रैल 2021 से लेकर अबतक राज्य में 91 करोड़ से भी ज्यादा राशि का ट्रांजेक्शन किया है. सीएम हेमंत सोरेन के आग्रह पर संक्रमण के इस दौर में बैंकिंग सेवाएं ग्रामीणों के दरवाजे तक पहुंचाने में बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी (बी.सी.सखी) सहायक हो रही हैं.

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गांव में बैंक वाली दीदी के नाम से प्रचलित इन दीदियां के जरिये घर बैठे जरुरतमंदों को विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन एवं मनरेगा मजदूरी प्राप्त हो रही है. इस कारगर व्यवस्था को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अब हर पंचायत में एक बीसी सखी नियुक्त करने का लक्ष्य तय किया है.

गोला की अंजुम ने किया 46 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन

रामगढ़ के गोला प्रखंड के मगनपुर पंचायत की अंजुम आरा ने लॉक डाउन के समय में अबतक 46 लाख रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया है. अंजुम बताती है कि वो अपने पंचायत के साथ आसपास के अन्य पंचायतों के लोगों को भी बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराती हैं. पिछले लॉक-डाउन में भी उन्होंने लगातार लोगों को बैंकिंग की सेवाएं दी थी.

अंजुम के अनुसार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के दौरान भी वह सावधानी से लोगों के घर तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचा रहीं हैं. वहीं खूंटी के कर्रा प्रखंड की सोनिया कंसारी भी हर महीने 25-30 लाख रुपए तक का ट्रांजेक्शन कर लेती हैं.  

अप्रैल से जुलाई 2020 के बीच 327 करोड़ का हुआ था ट्रांजेक्शन

अंजुम और सोनिया जैसी राज्य की अन्य बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखियां लॉकडाउन में भी ग्रामीणों तक निरंतर बैंकिंग सेवाएं पहुंचा रही हैं, ताकि लोग अपने घर में सुरक्षित रहें. पिछले साल भी लॉक-डाउन के दौरान अप्रैल से जुलाई के बीच 1679 बीसी सखियों ने करीब 327 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का ट्रांजेक्शन कर ग्रामीण इलाकों में जरूरी बैंकिगं सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की थी.

राज्य में सक्रिय हर बी.सी सखी अपने गांव/पंचायत के लोगों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के तरीकों के बारे में भी जागरूक कर रही हैं.

मिल रहा रोजगार, दरवाजे तक पहुंच रही सुविधाएं

ग्रामीण विकास विभाग के तहत झारखं स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के माध्यम से राज्य-भर में 3383 बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी कार्यरत हैं, जो ग्रामीणों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचा रही हैं. सखी मंडल की दीदियों को एनआरएलएम एवं एनआरईटीपी के तहत विभिन्न बैंकों से जोड़कर बैंकिंग कॉरेस्पोन्डेंट सखी के रूप में प्रशिक्षित कर पदस्थापित किया जा रहा है.

इस पहल से एक ओर दीदियों को जहां रोजगार मिल रहा है, वहीं सुदूर गांवों तक बैंकिंग सुविधाएं भी पहुंच रही हैं. बीसी सखी दीदियां अपने लैपटॉप एवं ईपॉस मशीन के जरिए खाता खोलना, नकद निकासी,  जमा, विधवा पेंशन,  वृद्धा पेंशन,  छात्रवृति,  मनरेगा मजदूरी,  बीमा समेत तमाम बैंकिंग सेवाएं ग्रामीणों को उनके घर बैठे उपलब्ध करा रही हैं. यही नहीं बीसी सखी दीदियां ड्युअल ऑथेंटिकेशन के जरिए सखी मंडल एवं ग्राम संगठन का बैंकिंग ट्रांजेक्शन भी सुनिश्चित कर रही हैं.