Suresh Pandey
Barkattha : उचित देखरेख के अभाव में एशिया का प्रसिद्ध बरकट्ठा सूर्यकुंड धाम का सौंदर्य मिटने लगा है. बेलकप्पी पंचायत स्थित प्रकृति की वादियों में बसे इस धार्मिक पर्यटन स्थल के कई भवन भी जर्जर हो रहे हैं. पर्यटकों के लिए बने कॉटेज, विश्रामगृह और कैंटीन का वजूद भी खतरे में है. एशिया महाद्वीप के उष्णतम कुंडों में एक गर्म जलकुंड यहां भी है, जिसका तापमान 88 डिग्री सेंटीग्रेट रहता है. निर्बाध रूप से सालोंभर यहां से गर्म पानी निकलता रहता है. यहां के जल को नवनिर्मित स्वीमिंग पुल में ले जाकर उसके तापमान को कम किया जाता है. इस जल से स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.
बरकट्ठा के बेलकप्पी में बने इस धार्मिक स्थल के विकास के लिए पिछले कुछ वर्षों में सरकार की नजरें इनायत हुई है. पर्यटकों की सुविधा के लिए विश्रामगृह, कॉटेज, कैंटीन, स्वीमिंग पुल आदि बनाए गए हैं. लेकिन सरकार की ओर से बंदोबस्ती नहीं करने के कारण इन विशाल भवनों की देखरेख व साफ-सफाई की जिम्मेवारी नहीं सौंपी जा सकी है. हाल ही में भवनों में लगाए गए बिजली उपकरणों पर चोरों की नजर पड़ गई. चोरों ने बिजली के स्वीच बोर्ड को उखाड़ लिया. वहीं खिड़कियों पर लगी कांच को भी तोड़ दिया. भवनों में लगे प्लास्टिक के पानी टंकी को भी पिछले दिनों आयी आंधी से नुकसान हुआ है.
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मकरसंक्रांति के अवसर पर सूर्यकुंड धाम परिसर में 15 दिवसीय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में दूसरे प्रांतों से भी कारोबारी यहां से खासी कमाई कर जाते हैं. झारखंड के विभिन्न इलाकों के अलावा बिहार, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों के पर्यटकों का आवागमन सालों भर लगा रहता है.
जिला परिषद सदस्य प्रेरणा प्रिया से पूछे जाने पर बताया गया कि उन्होंने इन भवनों एवं कॉटेजों की बंदोबस्ती व देखरेख के लिए उप विकास आयुक्त हजारीबाग को सूचित किया है. इस पर उप विकास आयुक्त से अश्वासन मिला है कि जल्द ही इन भवनों की देखरेख के लिए नीलामी पत्र निकालकर बंदोबस्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
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