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बंगाल : मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा भड़की, बसों, पुलिस वाहनों में आग लगाई, पथराव, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े

Kolkata : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में आज शुक्रवार को फिर वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा भड़क गयी. प्रदर्शनकारियों ने सुती के साजुर चौराहे पर एक सरकारी बस में आग लगा दी. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. खबरों के अनुसार वहां स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है. जान लें कि वक्फ अधिनियम के विरोध में पिछले कुछ दिनों से मुर्शिदाबाद जल रहा है. जानकारी के अनुसार सुती और शमसेरगंज इलाकों से भारी संख्या में लोग मार्च में शामिल हुए, प्रदर्शनकारियों ने साजुर चौराहे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को अवरुद्ध करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ लोगों ने बम फेंके. पुलिस पर पथराव किया गया. कई पुलिस अधिकारी घायल हो गये हैं. रघुनाथगंज के उमरपुर में दो पुलिस वाहनों में आग लगाये जाने की सूचना है. सुती में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दी गयी है, लेकिन इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी है. शमशेरगंज में भी हिंसा फैल गयी है. वहां बीएसएफ जवानों की तैनाती कर दी गयी है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 12 को अवरुद्ध कर दिया गया है. ट्रेन यातायात भी रोक दिया गया है. भाजपा विधायक गौरीशंकर घोष ने पहले ही कहा था कि अगर वक्फ विधेयक पारित हुआ तो मुर्शिदाबाद में स्थिति चिंताजनक हो सकती है. उन्होंने कहा, लोग डरे हुए हैं. कहा कि सोशल मीडिया पर विभिन्न पोस्ट देखकर हमें डर लग रहा है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने सीएम ममता बनर्जी पर हल्ला बोलते हुए कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कानूनव्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से विफल है. वक्फ विरोधी हिंसक प्रदर्शनों ने राज्य की मशीनरी ठप कर दी है. मुर्शिदाबाद में कई एक्सप्रेस ट्रेनें रोक दी गयी  हैं. उसमें यात्री फंसे हुए हैं. रेल परिसर युद्ध क्षेत्र में बदल गया है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया...यह पहली बार नहीं है. राज्य में सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी इसी तरह की अराजकता देखी गयी थी और मुख्यमंत्री क्या कर रही हैं? कुछ नहीं. उसकी चुप्पी कानफोड़ू और निंदनीय है. इ इससे यह साबित होता है कि यह हिंसा भले ही उसके प्रत्यक्ष आशीर्वाद से न हो, लेकिन उसकी जानकारी में हो रही है. उन्होंने कहा कि यह शासन नहीं है. यह राजनीतिक लाभ के लिए उग्रवाद के सामने आत्मसमर्पण है. इस आपदा के लिए ममता बनर्जी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. इसे भी पढ़ें : एनआईए">https://lagatar.in/nia-questioned-terrorist-tahawwur-rana-for-3-hours-he-kept-avoiding-questions-on-the-pretext-of-being-ill/">एनआईए

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