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बेरमो : स्थानीय सूची से  भोजपुरी व मगही नहीं हटाने को लेकर आजसू देगी धरना

Bermo : धनबाद व बोकारो जिले समेत अन्य जिलों से भोजपुरी, मगही व अंगिका भाषा को 6 मार्च तक स्थानीय सूची से नहीं हटाए जाने पर आजसू विधानसभा के समक्ष धरना देगी. झारखंड सरकार 1932 के खतियान लागू कर नियोजन नीति बनाए. उक्त बातें गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने पेटरवार स्थित अपने आवासीय कार्यालय में पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा कि राज्य भाषायी आंदोलन में धधक रहा है. बोकारो व धनबाद सहित कुछ अन्य जिलों में भोजपुरी, मगही व अंगिका भाषा थोपे जाने पर राज्य की जनता सड़क पर उतरने को बाध्य है. भाषायी आंदोलन में धधक रहा है राज्य विधायक ने कहा कि वे उपरोक्त भाषाओं को स्थानीय सूची से हटाए जाने के लिए मूलवासी खोरठा दिवस से ही उन्होंने आंदोलन छेड़ दिया. आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक तीनों भाषाओं को हेमंत सरकार स्थानीय सूची से निरस्त नहीं करेगी. नहीं हटाए जाने पर जनता सड़क से सदन तक आंदोलन चलाएगी. इसके लिए आगामी 10 से 15 फरवरी तक क्षेत्र के सांसदों और विधायकों से मिलकर विचार-विमर्श किया जाएगा. उन्होंने 1932 के खतियान को आधार पर मानकर नियोजन नीति बनाने की मांग की, जिससे झारखंड के स्थानीय व मूलवासियों को सरकारी नौकरी मिल सके. सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो के निर्णय का स्वागत करते हुए विधायक ने कहा कि भोजपुरी, मगही व अंगिका को स्थानीय सूची से नहीं हटाने पर अमित ने झामुमो से त्यागपत्र देने की धमकी दी है. यह भी पढ़ें : बेरमो : शहीद प्रेमचंद सिन्हा युवाओं के प्रेरणास्रोत- काशीनाथ केवट [wpse_comments_template]    

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