पहले भी हो चुकी है मौतें
बता दें कि 6 माह पूर्व भी स्वांग कोलियरी के बंद पिपराडीह खदान में होसिर पंचायत के ढेंढे ग्राम निवासी चरकु यादव की मौत चाल धंसने के कारण हो गई थी. दो दिन तक सीसीएल प्रबंधन और स्थानीय पुलिस खासे मशक्कत की. इसके बावजूद भी शव को बाहर नहीं निकाला जा सका. परिजनों ने पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया. उस समय भी सीसीएल के सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए गए थे. एक बार फिर यह हादसा हुआ. सवाल वहीं है कि इन हादसों का जिम्मेदार कौन हैं? सीसीएल प्रबंधन, पुलिस या लोहा तस्कर?पांच साल पहले बंद कर दी गई है जारंगडीह सीम खदान
स्वांग कोलियरी के जारंगडीह सीम खदान को 20 जून 2018 को बंद कर दिया गया. लेकिन बाहर का मुहाना खुला हुआ था. जिसके कारण लोग अंदर जा रहे थे. आसपास के रहने वाले लोगों ने बताया कि कुछ लोग यहां चुपके से खदान के अंदर जाते थे और लोहे की कटिंग किया करते थे. इसी क्रम में सोमवार को खदान के अंदर जहरीली गैस की चपेट में आकर राकेश कुमार कान्दू और विजय कान्दू की मौत हुई. यह">https://lagatar.in/fusro-instructions-to-jal-sahiya-to-recover-the-amount-by-burning/">यहभी पढ़ें : फुसरो : जल सहिया को जल-कर राशि वसूली करने का निर्देश [wpse_comments_template]