Bermo : सीसीएल कथारा क्षेत्र के स्वांग कोलियरी के कार्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर जारंगडीह सीम खदान है, जो पिछले पांच साल पहले बंद है. इस खदान में सोमवार को दो व्यक्ति की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई. गोमिया पुलिस ने इस मामले में स्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया है. घटना के बाद गोमिया के इंस्पेक्टर विनोद कुमार गुप्ता और थाना प्रभारी राजेश रंजन बंद जारंगडीह सीम खदान पर पहुंचे और जांच पड़ताल की. घटनास्थल का मुआयना करने के बाद सीसीएल प्रबंधन को बंद खदान के मुहाने को बंद करने की सलाह दी. इसके बाद सीसीएल ने मुहाने को बंद किया.
पहले भी हो चुकी है मौतें
बता दें कि 6 माह पूर्व भी स्वांग कोलियरी के बंद पिपराडीह खदान में होसिर पंचायत के ढेंढे ग्राम निवासी चरकु यादव की मौत चाल धंसने के कारण हो गई थी. दो दिन तक सीसीएल प्रबंधन और स्थानीय पुलिस खासे मशक्कत की. इसके बावजूद भी शव को बाहर नहीं निकाला जा सका. परिजनों ने पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया. उस समय भी सीसीएल के सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए गए थे. एक बार फिर यह हादसा हुआ. सवाल वहीं है कि इन हादसों का जिम्मेदार कौन हैं? सीसीएल प्रबंधन, पुलिस या लोहा तस्कर?
पांच साल पहले बंद कर दी गई है जारंगडीह सीम खदान
स्वांग कोलियरी के जारंगडीह सीम खदान को 20 जून 2018 को बंद कर दिया गया. लेकिन बाहर का मुहाना खुला हुआ था. जिसके कारण लोग अंदर जा रहे थे. आसपास के रहने वाले लोगों ने बताया कि कुछ लोग यहां चुपके से खदान के अंदर जाते थे और लोहे की कटिंग किया करते थे. इसी क्रम में सोमवार को खदान के अंदर जहरीली गैस की चपेट में आकर राकेश कुमार कान्दू और विजय कान्दू की मौत हुई.
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