Bermo : झारखंड में बांग्ला भाषा की उपेक्षा की जा रही है. यह भाषा राज्य के सभी जिलों में बोली जाती है. राज्य में आबादी के हिसाब से 43.3 प्रतिशत लोग बांग्ला भाषा बोलते हैं. सरकार से जारी सूची में सिर्फ 11 जिले में बांग्ला भाषियों की संख्या दिखाई गई है, जबकि राज्य के पांच जिलों गिरिडीह, लोहरदगा, हजारीबाग, कोडरमा और रामगढ़ में बांग्ला भाषी ज्यादा रहते हैं. इसके बावजूद बांग्ला भाषा को झारखंड सरकार ने क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल नहीं की है. उक्त बातें झारखण्ड बंगाली एसोसिएशन बेरमो अनुमंडल के प्रदेश अध्यक्ष श्यामल सरकार ने प्रेस कांफ्रेंस कही. प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन बोकारो थर्मल स्थित नेताजी सुभाष बोस उद्यान में किया गया था. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार 11 जिलों के अतिरिक्त उपरोक्त 5 जिलों को सूची में शामिल नहीं करेगी तो एसोसिएशन सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2022 में बांग्ला भाषियों का नव वर्ष वैशाख 15 अप्रैल को है. नव वर्ष के अवसर पर रामगढ़ में बंगाली एसोसिएशन का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सम्मेलन में आमंत्रित किया जाएगा. सम्मेलन में झारखंड के सभी जिलों से लगभग पांच सौ प्रतिनिधि भाग लेंगे. उस सम्मेलन में एसोसिएशन अपनी मांगें रखेगी. मौके पर सुजीत कुमार घोष, पीजी सेन, पीके समादार, तपन बनर्जी, कार्तिक घोष, रंजीत मंडल, पीयूष वर्मन, सुब्रत पाल, सुप्रिया चटर्जी समेत एसोसिएशन के अन्य सदस्य मौजूद थे. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=249703&action=edit">यह
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बेरमो : झारखंड में बांग्ला भाषा उपेक्षित- श्यामल सरकार

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