Bermo : एक तरफ 22 मार्च बुधवार को विश्व जल दिवस पर बोकारो जिला प्रशासन ने कई कार्यक्रम कर लोगों को जागरूक किया. वहीं ओर गोमिया प्रखंड अंतर्गत हजारी पंचायत के खुदगड्डा ग्राम में स्थापित ओएनजीसी प्लांट से केमिकल का कचरा युक्त पानी सीधे बोकारो नदी में प्रवाहित होता रहा. केमिकल युक्त कचरा के प्रवाह से नदी प्रदूषित हो रही है. वहीं दो दिनों से हज़ारी खुदगड्डा जलापूर्ति योजना से दर्जनों गांवों में पानी की सप्लाई बंद है.
ऐसे हुआ मामला उज़ागर
खुदगड्डा जलापूर्ति योजना की पानी टंकी में कार्यरत कर्मचारी शिवू प्रजापति और नागेश्वर यादव ने बताया कि प्लांट से केमिकल युक्त कचरा बोकारो नदी में जहां गिराया जा रहा है, वहीं हज़ारी खुदगड्डा जलापूर्ति योजना का इंटेक वेल है. इंटेक वेल से मोटर द्वारा पानी का उठाव कर पानी टंकी के फ़िल्टर प्लांट में संग्रह किया जाता है. जहां कुछ दिन पहले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के पानी के ऊपरी सतह पर केमिकल युक्त प्रदूषित पानी की वजह से पानी का रंग पीला हो गया था. जिसके बाद ग्रामीणों ने विरोध शुरू किया और मामला उज़ागर हुआ. ग्रामीणों ने ओएनजीसी प्रबंधन से मिलकर नदी में केमिकल युक्त कचरा के प्रवाह पर आपत्ति जताई. दूसरी तरफ़ ओएनजीसी प्लांट के पदाधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है.

विरोध के बाद जलापूर्ति बाधित
ग्रामीणों के विरोध के बाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिया गया, जिससे हज़ारी, अम्बा टोला, गैरवाडीह, वैद्यडीह, खुदगड्डा, नई बस्ती, वन बी स्वांग मार्केट और केंदुआ कोचा टोला सहित कई गांवों में जलापूर्ति बाधित है.
टैंकर से हो रही प्रभावित गांवों में जलापूर्ति
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तेनुघाट प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता शशि शेखर सिंह ने बताया कि ओएनजीसी प्रबंधन ने माना कि प्लांट का कचरा पानी नदी में गया और वहां से इंटेक वेल के माध्यम से पानी ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचा. उन्होंने कहा कि जानकारी होते ही पानी की सप्लाई बंद करा दी गई और गांव में टैंकर से पानी मुहैया कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर से पानी का लैब में टेस्ट कराएंगे.
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