Bermo: देश के जानेमाने पत्रकार मृणाल पांडे, राजदीप देसाई, जफर आगा जैसों पर मुकदमा दायर कर, केंद्र सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने का प्रयास कर रही है. उक्त बातें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य समिति के सदस्य कॉमरेड इफ्तिखार महमूद ने गोमिया में पार्टी की बैठक को संबोधित करते हुए कही है. उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित पत्रकार जिनका कई दशक पुराना पत्रकारिता का कैरियर रहा है. और देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, टीवी चैनलों और पत्रिकाओं में लंबे समय तक काम करने का अनुभव रहा है. ऐसे पत्रकार भाजपा की सरकार के शासनकाल में अचानक देशद्रोही बन जा रहे हैं. यह दुखद तो है ही, अब हिटलर कालीन जर्मनी को भारत में दोहराया जा रहा है.
भाकपा राज्य समिति के सदस्य कामरेड इफ्तिखार महमूद का बयान
कामरेड इफ्तिखार महमूद ने कहा कि, किसान आंदोलन के कारणों पर चर्चा करके सरकार की तानाशाही को नहीं समझा जा सकता है. भाजपा सरकार के चाल चरित्र को जानने के लिए रोहित वेमुला की हत्या, नजीब की गुमशुदगी, जेएनयू की घटना, श्रम कानूनों को खत्म करना, सार्वजनिक संपत्तियों के निजीकरण, एयरपोर्ट का अडानीकरण, निष्पक्ष पत्रकारों पर लगातार हमले को मिलाकर किसान आंदोलन को देखने पर ही सरकार के एजेंडे को समझा जा सकता है. सरकार एक एक कर विरोध करनेवालों को निपटाना चाह रही है. उन्होंने कहा कि देश में आंदोलन करनेवालों को गाली देने का काम किया जा रहा है. दरअसल मौजूदा सरकार हर उस आंदोलन को दबाने के लिए प्रपंच कर रही है, जिसके कारण लोगों में भारी नाराजगी है. देश के अन्नदाता को खालिस्तानी तो कभी नक्सली कहकर अपमानित किया. लेकिन भारत आंदोलन के बल पर ही आज़ाद मुल्क बना है. इसलिए इन फिरकापरस्त ताकतों के विरुद्ध आवाम को आगे आना होगा.
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मौजी लाल महतो की अध्यक्षता में बैठक
किसान आंदोलन समन्वय समिति द्वारा निर्धारित देशव्यापी कार्यक्रम के तहत बेरमो में भी 18 फरवरी को रेल रोको कार्यक्रम किया जायेगा. बैठक में राज्य परिषद सदस्य समीर कुमार हालदार, अंचल सचिव सोमर मांझी, सहायक अंचल सचिव देवानंद प्रजापति के अलावा धनेश्वर रविदास, जीतू सिंह, गेंदों केवट, मुकुंद साव, इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे.
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