बीते एक महीने में आधा दर्जन घटनाओं के बाद भी पुलिस के हाथ खाली
Bokaro Thermal : बेरमो कोयलांचल में कार और बाइक की डिक्की से रुपये और गहने चोरी की घटना से लोग परेशान हैं. इन अपराधियों को पकड़ने में पुलिस अब तक नाकाम रही है. इसी तरह की घटना बिहार के कुछ इलाकों में भी हो रही है. वहां इसे कोढ़ा गिरोह के नाम से जाना जाता है. ऐसा अंदेशा है कि बिहार का कोढ़ा गिरोह बेरमो कोयलांचल में सक्रिय है और कई घटना को अंजाम दे चुका है. बेरमो अनुमंडल के नावाडीह, गोमिया, आईइएल, तेनुघाट, चंद्रपुरा, बोकारो थर्मल व पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र में कई लोगों के लाखों रूपए नगद और जेवरात उड़ाकर ले गए, लेकिन पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा सकी है कि कौन गिरोह है, जो बैंक ग्राहकों को टारगेट करता है और घटना को अंजाम देता है.कब-कब हुई घटना
22 फरवरी को आईईएल गवर्मेंट निवासी पिंकी ज्वैलरी दुकान के मालिक शशिकांत वर्मा उर्फ बंटी अपनी जब दुकान खोलने पहुंचे तो काफी प्रयास के बाद भी ताला नहीं खुला. दरअसल ताला में किसी ने फेवीक्विक डाल दिया था, जिसके कारण चाबी काम नहीं कर रहा था. उन्होंने फेवीक्विक को साफ करने के लिए ज्वेलरी से भरा थैला जैसे ही नीचे रखा, ताक में बैठे अपराधी थैला लेकर बाइक से फरार हो गये. 6 जून को गोमिया थाना क्षेत्र के स्वांग वन वी मार्केट स्थित सीसीएल कर्मी रंजीत कुमार के मोटरसाइकिल की डिक्की में रखे 55 हजार रूपये चोर उड़ाकर चलते बने. रंजीत बैंक से पैसा निकालकर बाइक खड़ी कर समान की खरीदारी कर रहे थे. पांच मिनट के अंदर चोरों ने रुपये साफ कर दिये. घटना सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गयी लेकिन चोर अब तक नहीं पकड़े गये हैं. [caption id="attachment_692154" align="alignnone" width="300"]alt="" width="300" height="300" /> सीसीटीवी में क़ैद गोमिया थाना क्षेत्र की घटना[/caption] 22 जून को पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के बुडगड्ढा मोड़ स्थित चंद्रदेव महतो के बाइक के डिक्की से 40 हज़ार रुपये उड़ा लिये गये. 7 जुलाई को कथारा मोड़ से रफीक अकरम के कार में रखे साढ़े चार लाख नगद अपराधी ने झपट्टा मारकर ले भागे. इसी प्रकार पिछले दिनों नावाडीह से पांच लाख, तेनुघाट से 55 हजार, चंद्रपुरा से 1 लाख झपटमारों ने बैंकों से पैसा निकालकर जा रहे लोगों से लूट कर भाग निकले.
बैंक ग्राहक को किया जाता है टारगेट
हाल के दिनों में जो भी घटनाएं हुई हैं, उसमें बैंक से पैसे निकालकर आने वाले लोग ही इस गिरोह के शिकार हुए हैं. झपटमार गिरोह के सदस्य पहले ग्राहक बनकर बैंक जाते हैं. वहां रेकी करते है. इसके बाद शिकार करते हैं. अभी तक नगद राशि की लूट में बैंक ग्राहक ही झपटमारों के शिकार हुए हैं. जेवरात चोरी वाले मामले में तो अनोखा तरीका अपनाया गया. बहरहाल किसी मामलों में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है. यह">https://lagatar.in/bermo-prize-psycho-killer-arrested-after-three-days-of-struggle-police-heave-a-sigh-of-relief/">यहभी पढ़ें : बेरमो : तीन दिन की जद्दोजहद के बाद इनामी साइको किलर हुआ गिरफ्तार, पुलिस ने ली राहत की सांस [wpse_comments_template]
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