Bermo : ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के झारखंड राज्य कार्यकारिणी सदस्य अफजल दुर्रानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने उर्दू को स्थानीय भाषा का दर्जा दिए जाने का विरोध किया है, जो उचित नहीं है. विज्ञप्ति में जिक्र है कि झारखंड राज्य आंदोलन में उर्दू भाषा बोलने वाले लोगों की अहम भूमिका रही है. उर्दू बोलने वाले लोग कोई बाहर से नहीं आए हैं. विधायक उर्दू भाषा पर जो टिप्पणी अभी की है, वह टिप्पणी मगही व भोजपुरी भाषा को स्थानीय सूची से हटाने के पहले करते तो बात कुछ समझ में आती. उस समय उन्होंने उर्दू का विरोध नहीं किया. विधायक को उर्दू भाषा से आपत्ति इसलिए है कि आजसू पार्टी भी भाजपा की तरह राजनीति करना चाहती है. झारखंड में नफ़रत की राजनीति नहीं चलने वाली. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=250032&action=edit">यह
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बेरमो : उर्दू पर गोमिया विधायक की आपत्ति उचित नहीं: अफजल दुर्रानी

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