Bermo: हरेक इंसान की तमन्ना होती है कि उसका घर हो. लेकिन जब प्रकृति के कारण उसके सर से छत हट जाये तो कितनी पीडा हुई होगी यह समझा जा सकता है. छः माह पूर्व तेज बारिश के कारण एक गरीब का छप्पर टूट गया. इसके बाद वह घर के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाए छः माह गुजार दिये, लेकिन उसे निराशा ही हाथ ही लगी.
मामला बोकारो जिले के गोमिया प्रखण्ड स्थित भदवा खेत ग्राम की है. निवासी संतोष रविदास का मिटटी का मकान छः माह पहले बारिश में गिर गया था. वह पिछले कई महीनों से पंचायत प्रतिनिधि से लेकर सरकारी पदाधिकारी तक संपर्क कर पीएम आवास या अम्बेडकर आवास के लिए गुहार लगाया था. लेकिन उसे आज तक सरकार की ओर से आवास योजना का लाभ नही मिल सका. आवास की आस लिये संतोष रविदास का शुक्रवार को निधन हो गया. कुछ माह से लंबी बीमारी से गुजर रहा था.
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कार्यालय के लगाये चक्कर
मृतक की पत्नी लीला देवी ने कहा कि पहले बारिश के कारण मिटटी का घर गिर गया. जिस दिन घर गिरा, उस समय परिवार के सभी सदस्य वहीं सो रहे थे. जहां छप्पर गिरा, वहां कोई नही था. अलबता बडी घटना हो सकती थी. संतोष रविदास उसी समय से मुखिया से लेकर संबंधित अधिकारियों से संपर्क किये. उन्होंने पीएम या अम्बेडकर आवास दिलाने की मांग की. लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नही हो सकी. उसके तीन छोटे छोट बच्चे हैं. लीला देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास के लिए 2011 के डाटा में उसका नाम भी है. इसके बावजूद भी उसे आवास नही मिल रहा है.
छप्पर गिरने के बाद गांव वालों ने तत्काल उन्हें सामुदायिक भवन में आसरा दिया है. ग्रामीणों ने कहा कि जब तक इन्हें सरकार की ओर से आवास नही मिल जाता तब ये सभी सामुदायिक भवन में रहेंगे. बीडीओ कपिल कुमार ने कहा कि इस संबंध में किसी ने संपर्क नही किया है. अब जानकारी मिल गई है. शीध्र ही उन्हें आवास मुहैया कराया जायेगा. सीओ ओमप्रकाश मंडल ने तत्काल उन्हें आपदा राहत कोष से सहायता देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि श्राद्धकर्म के लिए उन्हें खाद्य सामाग्री भी मुहैया कराया जायेगा.
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