Bermo : बेरमो के गोदो नाला के किनारे बसे ग्रामीणों के घर कभी भी जमींदोज हो सकते हैं. यह इलाका ग़ांधी नगर ओपी थाना क्षेत्र के में स्थित है. बीते 30 जुलाई की भीषण बारिश के कारण गोदो नाला भी उफान पर आ गया था. बारिश के कारण नाले के किनारे की मिट्टी काफी मात्रा में धंस गयी. जिसके कारण राजेन्द्र निषाद, शफीक अंसारी, अजय निषाद, शिवनंदन केशरी, वीरेंद्र पंडित के घर क्षतिग्रस्त हो गये हैं. इस संबंध में उन्होंने बेरमो बीडीओ को आवेदन देकर गोदो नाले पर गार्डवाल बनाने की मांग की है.
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डर के साये में जीने को मजबूर
बारिश के रुकने के बाद नाले में पानी की रफ्तार तो कम हो गयी है, लेकिन पानी के रिसाव के कारण गोदो नाला के किनारे बसे लोगों के घरों के जमींदोज होने की आशंका बढ गयी है. दरअसल बेरमो कोयलांचल में मज़दूर वर्ग के लोगों को जहां सुविधा मिली वे वहीं बस गए। इन दिनों आम तोर पर शहरों में नदी नालों के किनारे अतिक्रमण बढता जा रहा है. बेरमो भी इससे अछूता नहीं है. लोग नदी और नाला के किनारे अपना आशियाना बनाकर बस रहे हैं. बेरमो के जरीडीह पूर्वी पंचायत के गोदो नाला के किनारे भी कुछ ऐसी ही स्थिति है. लोग पहले झोपड़ी बनाकर रहते हैं, बाद में वहां पक्के अर्ध निर्मित मकान बना लेते हैं.ऐसे में धीरे धीरे एक बड़ी आबादी नदी- नालों के किनारे बस गयी हैं. इस वर्ष की भीषण बारिश ने नालों के किनारे बसने वालों की नींद उड़ा दी है. लोग डरे सहमे हुए हैं कि कहीं उनके घर जमींदोज न हो जाए.
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उपायुक्त ने दिये निर्देश
डीसी बोकारो ने भीषण बारिश को देखते हुए सभी बीडीओ को निर्देश दिया है कि जहां भी बारिश से क्षति हुई है या नुकसान होने की आशंका है, उसका जायजा लेकर क्षतिपूर्ति की व्यवस्था करें. इसी आदेश के आलोक में बेरमो बीडीओ मधु देवी ने गोदो नाला क्षेत्र का दौरा किया. लेकिन अब तक उन क्षेत्रों में रहने वालों के लिए कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है. बहरहाल गोदो नाला के किनारे बसे ग्रामीणों की सांसे अटकी हुई है कि कहीं उनका आशियाना इस मौसम की भेंट न चढ़ जाए.