3 माह से बंद कारो खुली खदान से कोयला उत्पादन होगा शुरू
Bermo: सीसीएल बीएंडके प्रबंधन व कारो बस्ती के ग्रामीण विस्थापितों के बीच चला आ रहा विवाद 12 सितंबर को समाप्त हो गया. ग्रामीणों ने 22 सूत्री मांग पत्र सीसीएल प्रबंधन को सौंपा, जिस पर प्रबंधन ने सहमति जताई और मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. इसके बाद शिव मंदिर के विसर्जन के लिए पूजा-पाठ प्रारंभ कर दिया गया. मांग पत्र में फुसरो के करगली गेट स्थित घुटियाटांड सैलरी पाउंड के आरएनआर साईड (विस्थापन एवं पुनर्वास) में प्लॉट आवंटन कर प्रमाण पत्र के साथ दिया जाय, इसके बाद कारो बस्ती के मकान को धवस्त किया जाय. आउटसोर्सिंग कंपनी में 75 प्रतिशत रोजगार, अलग से लोडिंग पॉइट, सेल से जुडे सभी तरह के लाभ में विस्थापितों को हिस्सा दिया जाय. अधिग्रहण के पहले से रह रहे लोगों को 5 डिसमिल जमीन आबंटित किया जाय. शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा जिस प्रकार सीसीएल कर्मी को मिलता है, उसी प्रकार विस्थापितों को मिले. अजय गंझू को नौकरी में दो माह के अंदर फिर से बहाल किया जाय. आंदोलन के दौरान ग्रामीणों पर जो प्रबंधन द्वारा मुकदमा किया गया है, उसे वापस ले व सारा खर्चा दिया जाय.30 लाख टन कोयला उत्पादन का है लक्ष्य
बता दें कि पिछले 17 जून से कारो से कोयला उत्पादन ठप है. अब मंदिर शिफ्ट होने से 6 माह तक कोयला उत्पादन और ओबी निस्तारण का काम चलता रहेगा. चालू वित्तीय वर्ष में परियोजना का कोयला उत्पादन लक्ष्य 30 लाख टन तक निर्धारित है. जीएम एम के राव ने कहा किह खदान विस्तार से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इस अवसर पर बेरमो प्रखंड के बीडीओ मधु कुमारी, मजिस्ट्रेट डॉ अजय कुमार व सत्येंद्र नारायण पासवान, सहित कारो परियोजना के पीओ सत्येंद्र कुमार, एसओ पीएडपी एस के झा, एरिया सेल ऑफिसर मनोज कुमार सिंह, एरिया सेफ्टी ऑफिसर कुमार सौरभ सिंह, एसओसी सतीश कुमार, मैनेजर जीएन सिंह, डिस्पैच आफिसर बीसी शुकला, काटा इंचार्ज शंकर झा व ग्रामीणों में संजय भोक्ता, अशोक महतो, रंजीत महतो, चंद्रदेव महतो, आदि उपस्थित थे. यह">https://lagatar.in/giridih-giridih-ranchi-intercity-train-with-wisdom-coach-inaugurated/">यहभी पढ़ें: गिरिडीह : विस्डोम कोच वाली गिरिडीह-रांची इंटरसिटी ट्रेन का शुभारंभ [wpse_comments_template]
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