- प्रेस कॉन्फ्रेंस में विशेषज्ञों ने दी चेतावनी.
- पार्लर से क्लीनिक तक फर्जीवाड़ा.
- सुंदर दिखने की चाह में बिगड़ रही ज़िंदगी.
- सस्ते इलाज के नाम पर खतरनाक प्रयोग.
Ranchi : इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनेरियोलॉजिस्ट्स एंड लेप्रोलॉजिस्ट्स (IADVL) ने रविवार को प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों को चेताया. विशेषज्ञों ने कहा कि फर्जी डॉक्टरों के झांसे में आना खतरनाक है. केवल मान्यता प्राप्त डर्मेटोलॉजिस्ट से ही इलाज कराएं.
स्किन विशेषज्ञ डॉ नेहा रानी ने कहा कि आजकल कोई भी ब्यूटी पार्लर या साधारण क्लीनिक चलाने वाला खुद को कॉस्मेटोलॉजिस्ट बताता है. जबकि सच यह है कि कॉस्मेटोलॉजी कोई मेडिकल स्पेशलाइजेशन है ही नहीं। सरकार ने इसकी न्यूनतम योग्यता सिर्फ 10वीं पास रखी है.
डॉ. नेहा ने चेताया कि लोग चेहरे और बालों का इलाज बिना जांचे-परखे फर्जी डॉक्टरों को सौंप देते हैं. नतीजतन स्किन खराब, संक्रमण और कई बार जानलेवा स्थिति उत्पन्न हो जाती है. उन्होंने उदाहरण दिया कि कानपुर में गलत इलाज से दो लोगों की मौत हो चुकी है.
किस तरह के ट्रीटमेंट में लुभाते हैं?
- नकली केमिकल पील.
- गलत लेजर ट्रीटमेंट.
- बाल झड़ने का फर्जी इलाज.
- इंजेक्शन और दवाओं का गलत इस्तेमाल.
- फेयरनेस, स्किन ग्लो और नकली हेयर ट्रांसप्लांटेशन.
डॉ. कुमार प्रतीक ने कहा कि मुंहासे, झाइयां और बाल झड़ने का सस्ता इलाज बताकर फर्जी डॉक्टर इंजेक्शन, लेजर और केमिकल पील जैसी प्रक्रियाएं कर देते हैं. उनके पास न ट्रेनिंग होते हैं ना ही मेडिकल ज्ञान. ऐसे में मरीजों की हालत और बिगड़ जाती है. उन्होंने बताया कि जब मरीज असली विशेषज्ञ के पास पहुंचते हैं, तब तक स्थिति बिगड़ चुकी होती है. इस कारण इलाज लंबा, महंगा और कठिन हो जाता है.
IADVL स्टेट सेक्रेटरी डॉ राजू कुमार और डॉ अम्लान सोम ने कहा कि किसी भी डॉक्टर से इलाज कराने से पहले उनकी मेडिकल डिग्री और मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन की जांच करें. जो खुद को कॉस्मेटोलॉजिस्ट कहे, समझ लें वह असली डॉक्टर नहीं है.
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों से अपील किया कि स्किन और हेयर ट्रीटमेंट सिर्फ एमबीबीएस और एमडी (डर्मेटोलॉजी) डिग्रीधारी विशेषज्ञों से ही कराएं. यही लोग सही और सुरक्षित इलाज दे सकते हैं.
Leave a Comment