Ranchi : झामुमो ने भाजपा की आक्रोश महारैली और पुलिस से जबरदस्ती उलझने पर पलटवार किया है. पार्टी केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि धर्म, जाति, वैमनस्य, संप्रदायिकता फैलाने की मानसिकता रखने वाली भाजपा के नापाक मंसूबे झारखंड की सरजमीं पर कभी कामयाब नहीं हो सकेंगे. केंद्र और भाजपा का भेदभाव पूर्ण रवैया जगजाहिर हो चुका है.यह भगवाधारी हेमंत की लोकप्रियता से घबरा गए हैं.
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हर साल दो करोड़ रोजगार देने का जवाब मोदी जी क्यों नहीं मांगते
पांडेय ने कहा कि केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा ने हर साल दी करोड़ रोजगार देने का वादा करके आई थी, लेकिन दस वर्षों से देश के नौजवानों को केवल ठगा गया है. इसका जवाब भी मोदी जी से क्यों मांगते हैं यह लोग, देश का युवा समझदार है. भाजपा के भेदभाव और साम्प्रदायिक खेल को समझ चुका है. भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बेपर्दा हो चुका है.
भाजपा की रैली से युवा नदारद
उन्होंने कहा कि भाजपा की रैली से युवा नदारद रहे. भाजपा के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए रैली करने नहीं आए थे. उनका उद्देश्य पुलिस को उकसाना था. ताकि बलपूर्वक कार्रवाई की जाए. राज्य सरकार को हरेक नागरिक की सुरक्षा की चिंता है. किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जा सकता.
युवाओं का हेमंत पर अटूट विश्वास
पांडेय ने कहा कि राज्य के नौजवानी को युवा आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अटूट विश्वास है. इसका प्रमाण झारखंडी अधिकार मार्च में उमड़ा युवा सैलाब को देखकर मिल गया है. राज्य का हर नागरिक यह देख और समझ चुके हैं कि किस प्रकार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित लोकप्रिय हेमंत सरकार को भाजपा अस्थिर करने के लिए कितने निचले स्तर पर जा कर षडयंत्र करती रही है.
कहा कि केंद्र और भाजपा सरकार से हेमंत के खिलाफ लगातार ईडी के पीछे से स्वांग रचा, राजभवन से सरकार के महत्वपूर्ण विधेयकों को कानून बनने से रुकवाया गया. यह सब काम नहीं आया तो हेमंत सोरेन को पांच महीने जेल में डाल दिया. लेकिन इस दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई से हेमंत सोरेन की लोकप्रियता और बढ़ जाने के बाद भाजपा को अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह झारखंड में अपनी खोई राजनीतिक जमीन को कैसे वापस हासिल करे, यही वजह है कि मुद्दा और नेता विहीन भाजपा बौखलाहट में पड़ गई है. झारखंड में भाजपा अपना जनाधार खो चुकी है.
भाजपा झारखंड की अस्मिता से जुड़े सवालों का जवाब दे
उन्होंने कहा कि सरना आदिवासी धर्मकोड 1932 आधारित स्थानीय नीति, पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण, भीड़ हिंसा निवारण कानून पर भाजपा का क्या स्टैंड है. केंद्र से इयरखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ दिलाने के लिए भाजपा के सांसदों ने क्या पहल की. प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में लिए जब केंद्र सरकार के ग्रामीण मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक करके आग्रह किया, लेकिन आवंटन नहीं मिला. राज्य के जरूरतमंद लोगो को प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिए भाजपा ने क्या किया.
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