alt="" width="185" height="300" /> बिष्टुपुर गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान गुरचरण सिंह भोगल.[/caption] Jamshedpur : सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) सहित जमशेदपुर के जिन गुरुद्वारों में विवाद है उनके निपटारे हेतु तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति के हर फैसले को माना जाएगा. उनका हर फैसला हमें मंजूर होगा. सोमवार को यह बातें बिष्टुपुर गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान गुरचरण सिंह भोगल , दलजीत सिंह, अमरजीत सिंह, इंदरजीत सिंह व अन्य ने उनके निर्णय को माने जाने का बयान दिया. पिछले दिनों पांच सदस्यीय कमेटी ने बिष्टुपुर गुरुद्वारा के विवाद पर पुरानी कमेटी को ही गुरुद्वारा कमेटी की कमान सौंपी थी. उसके बाद भोगल व अन्य सरदार शैलेंद्र सिंह के विरुद्ध हो गए थे. इसे भी पढ़ें : Pandora">https://lagatar.in/pandora-papers-white-truth-of-black-money-includes-380-indians-including-sachin-anil-ambani-nirav-modi-jackie-shroff-nira-radia/">Pandora
Papers: काला धन का सफेद सच, सचिन, अनिल अंबानी, नीरव मोदी, जैकी श्रॉफ, नीरा राडिया सहित 380 भारतीय शामिल! शैलेंद्र सिंह पर आरोप लगाते हुए उनपर केस करने की बात कही थी. इसी बीच सिखों की राजनीति के बीच भोगल व उनके समर्थकों का नरम पड़ना चर्चा का विषय बन गया है. सभी ने कहा है कि तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब सिखों की सर्वोच्च संस्था है. हर सिख संगत गुरुद्वारा कमेटियां और सिख जत्थेबंदियों को उनके फैसले को मानना चाहिए. गुरुचरण सिंह भोगल और उनकी टीम के सदस्यों ने निर्णय लिया है कि वे तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी का फैसला मानेंगे. [wpse_comments_template]

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