New Delhi : न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की. राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने अपनी मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. https://twitter.com/AHindinews/status/1922513284575514902
उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की जगह ली है, जिनका कार्यकाल कल ही समाप्त हुआ. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कानून मंत्री सहित कई वरिष्ठ नेता, न्यायाधीश और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म महाराष्ट्र में हुआ था. वे दलित समुदाय से आते हैं, जो भारतीय न्यायपालिका में प्रतिनिधित्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. न्यायमूर्ति गवई ने 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट में न्यायधीश के रूप में कार्यभार संभाला. 2019 में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश बने. उनके पास संवैधानिक और आपराधिक मामलों में लंबा अनुभव है. उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण नीति के तहत हुई, जो न्यायपालिका में समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. 11 नवंबर 2024 को न्यायमूर्ति गवई की नियुक्ति राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में हुई थी. उनके नेतृत्व में NALSA ने अनुच्छेद 39-ए के तहत सुलभ और मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (SCLSC) के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने कार्य किया है.

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने भारत के 52वें CJI के रूप में ली शपथ
